केंद्र सरकार ने PFI और उसके 8 सहयोगी संगठनों को 5 साल के लिए बैन कर दिया. सरकार ने ये कदम PFI के ठिकानों पर एनआईए समेत तमाम जांच एजेंसियों की ताबड़तोड छापेमारी के बाद उठाया गया. पीएफआई के ठिकानों पर 22 सितंबर और 27 सितंबर को छापेमारी की गई थी. इस दौरान करीब 350 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
इस एक्शन पर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बुधवार को बयान दिया. उन्होंने कहा कि पीएफआई की तरह आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये हिंदू मुस्लिम करके देश को तोड़ रहे हैं. लालू यादव ने ट्वीट कर कहा कि PFI की तरह जितने भी नफरत और द्वेष फैलाने वाले संगठन हैं सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिसमें RSS भी शामिल है. सबसे पहले RSS को बैन करिए, ये उससे भी बदतर संगठन है. आरएसएस पर दो बार पहले भी बैन लग चुका है.
दरअसल अब पीएफआई पर प्रतिबंध के बाद केंद्र सरकार और बीजेपी विपक्ष के निशाने पर आ गई है. हालांकि कुछ नेताओं ने इस कार्रवाई का समर्थन किया है. लालू प्रसाद यादव ने बीजेपी औऱ आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि पीएफआई की जांच हो रही है और इसकी तरह जितने भी संगठन हैं, आरएसएस समेत उन सब पर प्रतिबंध लगाइए. उन्होंने कहा पक्षपात नहीं दिखना चाहिए, ऐसा न लगे कि मुस्लिम संगठनों को निशाना बनाया जा रहा है.
वहीं पीएफआई बैन के खिलाफ जदयू ने सरकार से सबूत मांगे. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि आखिर पीएफआई के खिलाफ साक्ष्य क्या है? ललन सिंह ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने पीएफआई के खिलाफ बैन लगाया है तो उसे क्या-क्या सुबूत मिले हैं, यह पेश करना चाहिए.
वहीं एआईएमआईएम के नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैंने हमेशा पीएफआई के नजरिए का विरोध किया है और लोकतांत्रिक व्यवस्था का समर्थन किया है. लेकिन पीएफआई पर इस प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पीएफआई पर प्रतिबंध लग गया लेकिन ख्वाजा अजमेरी बम धमाकों के दोषियों से जुड़े संगठन पर नहीं लगा? इसके अलावा सरकार ने दक्षिणपंथी बहुसंख्यक संगठनों पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया?
हम RSS पर बैन की मांग करते हैं- कांग्रेस सांसद
केरल से कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा, हम भी RSS पर बैन की मांग करते हैं. पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना कोई उपाय नहीं है. आरएसएस भी हर जगह सांप्रदायिकता फैला रहा है. उधर, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि जनता को सुरक्षा चाहिए. अगर इतने दिन से ये हो रहा था तो आप क्या कर रहे थे? ये साल भर में तो पैदा नहीं हुई. क्या सबूत अभी मिले हैं? अगर ये आतंकवादी संस्थाओं से पहले से जुड़ी थी तो आप इतने साल क्या कर रहे थे.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, जो कोई भी समाज में तनाव पैदा करने की कोशिश करता है, अगर उस पर कार्रवाई की जाती है. हमारे पास कोई मुद्दा नहीं है. RSS ने भी समाज में अशांति फैलाने की कोशिश की. इनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.
सरकार का कदम अच्छा- मौलाना रजवी
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रजवी, बरेली ने कहा कि सरकार ने कट्टरपंथी संगठन PFI पर प्रतिबंध लगाकर अच्छा कदम उठाया है. भारत की सरजमीं कट्टरपंथी विचारधारा की सरजमीं नहीं है और न यहां ऐसी कट्टरपंथी विचार धारा पनप सकती जिससे मुल्क की एकता-अखंडता को खतरा हो.
बीजेपी नेताओं ने बताया अच्छा कदम
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने कहा कि NIA के द्वारा जांच की जा रही थी, उसी के अनुरूप ये कार्रवाई की गई है. आने वाले समय में भी जैसे सूचनाएं मिलेंगी उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. वहीं, केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा कि देश के हित में जो उचित है वही किया गया है. देश की सुरक्षा का मामला है. देश में सभी लोगों की मांग है कि अराजक तत्व कोई भी हो उनसे देश को बचाया जाए. जो भी कार्रवाई की गई है वो जनहित में की गई है. वो स्वागत योग्य है.
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि देश के बाहर बैठे दुश्मनों से देश के अंदर बैठे दुश्मन ज्यादा खतरनाक हैं. PM मोदी ने PFI पर प्रतिबंध लगाकर देश को सुरक्षित रखने का काम किया है. PM द्वारा जो देश का शुद्धीकरण अभियान चलाया जा रहा है, हर भारतवासी उनके साथ है.
ये देशभक्तों का देश- एकनाथ शिंदे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि PFI के लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हैं, उनको इस देश में ऐसे नारे लगाने का अधिकार नहीं है. केंद्र सरकार ने ये अच्छा फैसला किया है. ये देश भक्तों का देश है और यहां देशद्रोही बयान कोई किसी पर नहीं कर सकता.
पीएफआई पर 5 साल के लिए प्रतिबंध
बता दें कि एनआईए और ईडी ने पीएफआई पर बड़ी कार्रवाई करते हुए दो चरणों में छापा मारा था। पहले राउंड में 16 राज्यों में छापा पड़ा. इसके बाद 106 लोग गिरफ्तार किए गए. दोबारा मंगलवार को एनआईए ने 8 राज्यों में छापेमारी की. एजेंसी को कई ऐसी सामग्रियां मिली हैं जो संगठन के आतंकी लिंक की पुष्टि करती हैं. जांच में सामने आया कि पीएफआई ने 1 साल में करीब 120 करोड़ रुपए का फंड जुटाया है. इसके अलावा करीब 240 करोड़ कैश के तौर पर इकट्ठा किया. बताया जा रहा है कि ये रकम देश के अंदर और खाड़ी देशों से जुटाई गई. इन पैसों का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल किए जाने के सबूत भी मिले हैं. वहीं पिछले कई साल से पीएफआई एजेंसियों के रडार पर था. बुधवार को बड़ा फैसला करते हुए केंद्र सरकार ने पीएफआी और उससे जुड़े आठ संगठनों को 5 साल के लिए बैन कर दिया.