कोरोना काल में वायरल फीवर के बढ़ रहे मामले, 20 एकड़ में बनेगा 5000 बेड का विशेष अस्पताल
मुंबई, वैश्विक महामारी कोरोना के कारण एक तरफ जहां कोहराम मचा हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ मानसून के कारण फैल रही मौसमी बीमारियां सरकार का सरदर्द बढ़ा रही है। अब तेज धूप और गर्मी के कारण वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ गया है। इसलिए मनपा प्रशासन द्वारा मौसमी बीमारी के ईलाज के लिए 5000 बिस्तरों वाले एक विशेष अस्पताल के निर्माण का निर्णय लिया गया है, ताकि रोगियों का समुचित इलाज हो सके।
राज्य सरकार से ग्रीन सिगनल मिलने के बाद मनपा द्वारा इस अस्पताल के लिए जगह की तलाश शुरू कर दी गई। मनपा सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस अस्पताल के लिए पिछले 2 महीने से 20 एकड़ जमीन की तलाश की जा रही है। इसके लिए मुलुंड और भांडुप में 2 जमीन देखी गई है। मनपा अधिकारियों ने स्थल पर जाकर निरीक्षण भी कर लिया है। इन दो जमीन में से एक का चुनाव हो भी लगभग हो गया है जिस पर जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
कोरोना ने बिगाड़ा स्वास्थ्य सेवाओं का गणित
कोरोना महामारी के मद्देनजर अस्पतालों में इस समय बेडों की काफी कमी महसूस की जा रही है। बढ़ते मरीजों की संख्या से स्वास्थ्य विभाग का गणित गड़बड़ा गया है। हालांकि कस्तूरबा अस्पताल में वायरल फीवर जैसी मौसमी बीमारियों के इलाज के लिए आरक्षित 125 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है लेकिन मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह नाकाफी साबित हो रहा है। इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने संबंधित अधिकारियों और मंत्रियों के साथ एक बैठक की जिसमें इस तरह के एक विशेष अस्पताल के निर्माण का निर्णय लिया गया। यही नहीं इस अस्पताल के लिए मनपा की तरफ से 20 जुलाई को टेंडर भी जारी किया गया था, लेकिन 10 अगस्त को इसकी समय सीमा समाप्त होने के बाद केवल एक ही फॉर्म सबमिट किया गया था। जिसके बाद मनपा प्रशासन ने टेंडर की तारीख को फिर से बढ़ा दिया है।