बसपा सुप्रीमो मायावती ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। मायावती ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा- हमने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किया है।
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को राजधानी लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान मायावती ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की बैठक में बसपा को न बुलाए जाने पर हमला बोला।
मायावती ने कहा कि हमें सरकार और विपक्ष ने अलग-थलग रखा। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का षड़यंत्र देखने को मिला। हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि हमारी पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने मूवमेंट का खास हिस्सा मानते हुए द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि हमारा यह फैसला न तो भाजपा या एनडीए के समर्थन में है और न ही विपक्ष के खिलाफ। हम अपनी पार्टी और आंदोलन को ध्यान में रखते एक आदिवासी समाज की योग्य और कर्मठ महिला को देश की राष्ट्रपति बनाने के पक्ष में हैं।
मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये भी कहा कि बीएसपी एनडीए या यूपीए की पिछलग्गू पार्टी नहीं है। उन्होंने कहा- बीएसपी स्वतंत्र और निडर रहकर काम करने वाली पार्टी है। उन्होंने कहा- अगर कोई पार्टी देश के पिछले और उपेक्षित वर्ग के लिए काम करता है तो बीएसपी उसके साथ खड़ी रहेगी। फिर चाहे वो फैसला हमारे खिलाफ कितना भी नुकसानदेह क्यों ना साबित हो।
मायावती ने कहा- बसपा का उद्देश्य बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों पर काम करना है। मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेस में खास तौर पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग बसपा को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ते, हमारे विधायकों को तोड़ने का काम किया जाता है। मायावती ने कहा यूपी में बीएसपी के नेतृत्व में चार बार की सरकार ने हमेशा दलितों, शोषितों और वंचितों के हित में काम किया है।
मायावती ने राष्ट्रपति चुनाव में बसपा की उपेक्षा का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में हमें ये देखने को मिला कि विपक्षी दलों ने अपनी मनमानी की और बीएसपी को विपक्ष ने अलग-थलग रखाष। उन्होंने कहा पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी द्वारा एकतरफा चुनिंदा लोगों को बुलाना, फिर शरद पवार द्वारा बुलाई गई बैठक में बीएसपी को नजरअंदाज करना, इनकी एकता दिखावा ही लगती है।