टी20 वर्ल्ड कप में भारत के खिलाफ मैच में पाकिस्तान की जीत पर जश्न मनाने वालों पर हुई कार्रवाई को लेकर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. इसमें भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले दिनों खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप क्रिकेट मैच के बाद पड़ोसी देश की जीत का जश्न मनाने वाले कश्मीरी छात्रों के साथ न्याय करने की मांग की गयी है.
आगरा के कॉलेज में 3 कश्मीरी स्टूडेंट्स की गिरफ्तारी को लेकर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैं पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने का अनुरोध करती हूं, ताकि इन युवाओं का भविष्य नष्ट ना हो.
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ताना क्रिकेट मैच यहां लोगों के लिए मनोरंजन का साधन था और लोगों ने विजेता टीम के लिए खुशी मनाई. उन्होंने कहा कि इसके लिए युवा स्टूडेंट्स पर आतंकरोधी कानून के तहत कार्रवाई की गई है. महबूबा ने कहा कि कश्मीर में यह हैरान करने वाला नहीं है, लेकिन आगरा में भी ऐसा ही किया गया है, जबकि कॉलेज ने कह दिया था कि वे किसी राष्ट्र विरोधी गतिविधि में शामिल नहीं थे.
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि देशभक्ति और वफादारी की भावना को करुणा के साथ बढ़ाया जा सकता है. लाठी या बंदूक की बैरल से इसके लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से केवल अविश्वास बढ़ेगा और युवाओं का देश के अन्य हिस्सों से अलगाव होगा.
महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्विटर हैंडर पर पत्र साझा करते हुए ट्वीट को पीएमओ को टैग किया है. उन्होंने लिखा है, “मैं प्रधानमंत्री को आगरा में हाल ही में देशद्रोही के आरोप में कश्मीरी छात्रों को गिरफ्तार किए जाने के बारे में लिखा है. उम्मीद करते हैं वे इस मामले में दखल देंगे, ताकि वे छात्र जल्दी रिहा हो जाएं.”
भारत और पाकिस्तान की 24 अक्टूबर को टी-20 वर्ल्ड कप में भिड़ंत हुई थी. पाकिस्तान ने टीम इंडिया को 10 विकेट से पराजित कर दिया था. भारत की हार और पाकिस्तान की जीत के बाद जम्मू-कश्मीर समेत देश के कई हिस्सों में पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाया गया. भारतीय जनता पार्टी और अन्य राष्ट्रवादी संगठनों ने इसका जमकर विरोध किया.
जम्मू-कश्मीर में एक महिला शिक्षक को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा, जबकि उत्तर प्रदेश में पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने वाले कश्मीरी छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया गया. जिन छात्रों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था, उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उत्तर प्रदेश प्रशासन की इस कार्रवाई की कश्मीरी संगठनों और राजनीतिक दलों ने आलोचना की