ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर (Mohammad Zubair) ने उत्तर प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर दर्ज उसके 6 एफआईआर को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका लगाई. उसने इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग भी की थी.
उसकी इस याचिका पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) की अध्यक्षता वाली पीठ ने गौर करने के बाद कहा कि वह इस मामले को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के सामने पेश करें. दरअसल इसी केस से मिलता जुलता मामला एक और मामला जस्टिस चंद्रचूड़ की पीठ के सामने लंबित है.
सीजेआई एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को मोहम्मद जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर की ओर से दाखिल किए गए प्रतिवेदन पर गौर किया. इसमें कहा गया था कि जुबैर के खिलाफ कई जगह प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं और याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है. इस पर सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, इसे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के सामने सूचीबद्ध करें. आप मामला उस पीठ के सामने उठा सकते हैं.
जुबैर की ओर से दायर की गई नई याचिका में छह मामलों की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विशेष जांच दल यानि एसआईटी के गठन को भी चुनौती दी गई थी. गौरतलब है कि ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, सीतापुर, लखीमपुर और हाथरस में छह एफआईआर दर्ज हैं.
ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने अपनी याचिका में इन एफआईआर की तफ्तीश के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी के गठन का भी विरोध किया है. यूपी सरकार ने हाल ही में यूपी पुलिस के महानिरीक्षक यानी आईजी की अगुआई में इन सभी मामलों की जांच के लिए एक एसआईटी गठित करने का ऐलान किया है.
गौरतलब है कि सीतापुर के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर को 8 जुलाई को राहत दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने सीतापुर के मामले में मोहम्मद जुबैर को सशर्त केवल 5 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जुबैर सीतापुर मजिस्ट्रेट के अधिकार क्षेत्र से बाहर नहीं जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर को ये भी निर्देश दिया था कि वे संबंधित मामले के बारे में कोई भी नया ट्वीट नहीं करेंगे. जुबैर को सशर्त दी गई जमानत में सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि वे बेंगलुरु या कहीं भी मामले से संबंधित सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश नहीं करेंगे.