मुंबई, पिछले कुछ दिनों से मुंबई का तापमान काफी बढ़ता जा रहा है, जिससे गर्मी की तपन भी बढ़ती जा रही है। इसके चलते महानगर की आबोहवा प्रदूषित होती जा रही है। यही नहीं कई दिन सुबह को मुंबई में हल्का धुंध भी देखने को मिला। इन सबका कारण बढ़ता प्रदूषण बताया जा रहा है। अर्थात मुंबई की हवा में एक बार फिर से प्रदूषण की मात्रा बढ़ गई है।
एक दिन पूर्व ही मुंबई की हवा का गुणवत्ता सूचकांक 100 पर पहुंच गया था। बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई। ऊपर से पड़ रही गर्मी के कारण मुंबईकरों की परेशानी भी बढ़ गई है।
कोरोना वायरस के कारण शुरुआती समय में लगाए गए लॉकडाउन के कारण कारखाने और उद्योगधंधे सहित परिवहन के सभी साधन भी बंद थे जिसके कारण हवा में प्रदूषण का स्तर काफी कम हो गया था। उस समय हवा का गुणवत्ता का सूचकांक 50 से भी नीचे चला गया था, लेकिन जैसे जैसे लॉकडाउन में ढील देने की प्रक्रिया शुरू की गयी है और अनलॉक के तहत कारखाने, उद्योगधंदे और परिवहन चलना शुरू हुआ, वैसे ही हवा में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगा, जो अब बढ़कर 100 तक चला गया है। चूंकि एक दिन पूर्व ही वायु गुणवत्ता सूचकांक 100 तक पहुंच गया है, इसके बावजूद भी यह संतोषजनक श्रेणी में माना जा रहा है।
बोरीवली, मालाड, अंधेरी, वर्ली और मझगांव में वायु की गुणवत्ता कम दर्ज की गई, जबकि बांद्रा-कुर्ला परिसर में यह बहुत खराब दर्ज की गई। दक्षिण मुंबई के कोलाबा, पूर्वी क्षेत्र के चेंबूर और भांडुप में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई। नवी मुंबई में भी हवा की गुणवत्ता संतोषजनक पाई गई है।
बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में पीएम 2.5 प्रदूषण का स्तर 304 दर्ज किया गया। जबकि पीएम 10 का स्तर 128 था। बोरीवली में पीएम 10 और पीएम 2.5 दोनों स्तर का 135 से ऊपर था। मालाड में, पीएम 2.5 का स्तर 135 और पीएम 10 का स्तर 106 था। अंधेरी में पीएम 2.5 का स्तर 101 पर दर्ज किया गया। वर्ली में ओजोन का स्तर 118 था। मझगांव में, पीएम 10 का स्तर 108 था। हवा की गुणवत्ता मापने वाली संस्था सफर के तत्वावधान में अनलॉक -1 से अनलॉक -4 के बीच हवा के गुणवत्ता की तुलना की गई जिसमें यह निष्कर्ष सामने आया कि, अनलॉक -4 की अवधि के दौरान मुंबई में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का स्तर 60 प्रतिशत तक बढ़ गया है, जो दिल्ली, अहमदाबाद और पुणे की तुलना में मुंबई में सबसे अधिक है।