लाइन पार करने का मिला खामियाजा , 4 महीने में 151 लोगों ने गंवाई जान
मुंबई-वैश्विक महामारी कोरोना काल में जारी लॉक डाउन में भले ही लोगों को घरों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा हो लेकिन दुर्घटनाओं में जान गंवाने का मामला लगभग शून्य हो गया था. लेकिन जैसे ही 15 जून से आवश्यक सेवा कर्मियों के लिए लोकल और लंबी दूरी की विशेष ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ ट्रेन से कटकर अकाल काल के गाल में समाने का सिलसिला पुनः शुरू हो गया है. मध्य और पश्चिम रेलवे की लोकल ट्रेनों में यात्रियों की संख्या बढ़ने से दुर्घटनाएं भी बढ़ गयी हैं.
रेलवे द्वारा दी गयी जानकरी के अनुसार जून से सितंबर तक रेलवे लाइन पार करते समय लोकल और मेल-एक्सप्रेस की चपेट में आने कुल 151 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. लाइन पार करते समय 135 लोगों की मौत हुई जबकि लोकल से गिरकर 16 लोगों की जान गयी। गौरतलब हो कि 15 जून से सरकार ने आवश्यक सेवा कर्मियों को लोकल से यात्रा करने की अनुमति दी गई थी। जैसे-जैसे यात्रियों की संख्या बढ़ी, वैसे-वैसे लोकल ट्रेनों का फेरा भी बढ़ता गया। आज मध्य रेलवे 431 लोकल सेवाएं प्रदान की जा रही है जिसमें लगभग डेढ़ लाख यात्री सफर कर रहे हैं. इसी तरह से पश्चिम रेलवे की लोकल के 506 सेवाओं में 3 लाख से अधिक लोग यात्रा कर रहे हैं। इस साल जनवरी से सितंबर तक लाइन पार करते हुए लोकल और मेल-एक्सप्रेस से कटकर 465 लोग और लोकल से गिरकर 147 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा जून से सितंबर तक 28 यात्री घायल हुए हैं। लोकल से गिरकर मरने वाले 16 यात्रियों में से 14 पुरुष थे और दो महिलाओं का समावेश है. घायलों में 13 पुरुष और एक महिला यात्री शामिल है। मंगलवार 6 अक्टूबर को कुर्ला स्टेशन पर भी लोकल से गिरकर एक यात्री की मौत हुई है.