नालासोपारा:- अवैध पानी व्यवसायियों द्वारा लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हुए उन्हें अशुद्ध पानी की आपूर्ति करने की साजिश चल रही है. कुछ माह पूर्व वसई, विरार और नालासोपारा में अशुद्ध पानी आपूर्ति करने वाले पानी व्यवसायियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे, जो आगे भी जारी रही. लेकिन तालुका में कोरोना की घुसपैठ के बाद, अशुद्ध पानी विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई रोक दी गई थी. ऐसे में कोरोना काल के दौरान क्षेत्र के कुछ स्थानों पर सरकार से बगैर अनुमति प्राप्त किए प्लांट स्थापित कर लोगों को काई युक्त अशुद्ध पानी की आपूर्ति का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है. वर्तमान में, कोरोना से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा है. दूषित पानी के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. इसके बावजूद वसई में पानी विक्रेता अपने आर्थिक लाभ के लिए नागरिकों को अशुद्ध पानी आपूर्ति कर उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं. जिसकी अनदेखी वसई-विरार मनपा प्रशासन और पुलिस दोनों ही कर रही हैं. कोरोना काल के दौरान नागरिकों का ध्यान पानी की गुणवत्ता पर विशेषरूप से केंद्रित किया गया था. जिसके चलते लोगों के अंदर शुद्ध पानी पीने की प्रवृत्ति बढ़ी है. लेकिन पानी विक्रेता नागरिकों को जो पानी आपूर्ति कर रहे है क्या वास्तव में शुद्ध है? यह लोगों के बीच एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. नालासोपारा व नायगांव पूर्व क्षेत्र में अशुद्ध पानी की आपूर्ति का व्यवसाय तेजी में चल रहा है, जिसपर प्रशासन और पुलिस का ध्यान न होने के कारण नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में है.
जबकि जल शोधन प्रक्रिया व उसके संसाधनों के लिए भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित मानदंडों और आवश्यक प्रयोगशालाओं (प्रयोगशाला) के साथ ही आईएसआई मार्क और खाद्य एवं औषधि प्रशासन की मंजूरी लेना अनिवार्य होता है. इस प्रक्रिया के तहत व्यवसायियों द्वारा शासन को वार्षिक शुल्क, नवीनीकरण शुल्क सहित अन्य शुल्क शासन को भरना पड़ता है. लेकिन नालासोपारा व नायगांव पूर्व क्षेत्र में पानी माफिया सभी नियमों को ताकपर रखते हुए प्लांट चालू कर अवैध पानी बिक्री का धंधा शुरू किया है. खाद्य एवं औषधि विभाग अधिकारियों के आर्थिक व्यवहार के कारण यह व्यवसाय इन दिनों जोरों पर चल रहा हैं. ऐसे में अशुद्ध पानी का व्यवसाय करने वालो को खुला छूट दिए जाने से नागरिकों में नाराजगी व्याप्त है. वर्तमान में नालासोपारा व नायगांव पूर्व क्षेत्र में खुलेआम बोतलबंद अशुद्ध पानी का व्यवसाय किया जा रहा है. 50 से अधिक प्लांट अब भी इस क्षेत्र में कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के आशीर्वाद बेखौफ फल फूल रहें है. नायगांव स्थित टिवरी, राजावली, परेरानगर, महालक्ष्मी कॉम्प्लेक्स, चंद्रपाडा, वाकीपाडा, पाझर तलाव रोड, बापाणे, नालासोपारा पूर्व के संतोष भुवन, वालाई पाड़ा, गोवराई पाड़ा, वाकी पाड़ा, धानीव बाग, वाकन पाड़ा आदि स्थानों पर अब भी 50 प्लांट अवैधरूप से चल रहा है. इन अवैध पानी विक्रेताओं पर तत्काल कार्रवाई कर इस गोरखधंधे को बन्द करने की मांग स्थानीय लोगों द्वारा कि गई है.
वसई विरार शहर मनपा वालीव प्रभाग के आरोग्य अधिकारी सुखदेव दरवेशी ने कहा कि मनपा क्षेत्र के जिन जिन स्थानों पर अवैध पानी के प्लांट चल रहे है. उन सबपर जल्द ही कारवाई कर उसके खिलाफ पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया जाएगा. इसके पूर्व भी कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है.