464 प्रलंबित योजनाओं को दी गयी नोटिस , विकासकों को 15 दिन में देना होगा जवाब
मुंबई-खतरनाक एवं जर्जर हालात में रहने वाली पुरानी इमारतों के पुनर्विकास के लिए म्हाडा संकल्पित नजर आ रही है. म्हाडा से ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ (एनओसी) जारी होने के पांच साल बाद भी पुनर्विकास काम शुरू नहीं करने वाले 464 प्रकल्पों के विकासकों को क़ानूनी नोटिस दी गयी है. पुरानी इमारतों के साथ सेस-भुगतान (उपकर प्राप्त) वाली इमारतों के लटके पुनर्विकास कार्य के लिए 464 परियोजनाओं को नोटिस दी गई हैं।
गौरतलब हो कि म्हाडा के भवन और मरम्मत बोर्ड ने नए संशोधित कानून के तहत प्रलंबित परियोजनाओं को अपने हाथ में लेने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। यद्यपि इस संबंध में एक संशोधित कानून पारित किया गया है, जिसपर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होना बाकी है, लेकिन म्हाडा ने तब तक यह प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस समय महानगर में लगभग चौदह हजार पुराने भवन हैं जिनका पुनर्विकास किया जाना है. लेकिन इसमें कुछ तकनीकी कठिनाइयां आड़े आ रही थीं, इसलिए सरकार ने हाल ही में इन पुरानी इमारतों के पुनर्विकास के लिए कानून में संशोधन किया है। संशोधित कानून के अनुसार यदि पुनर्विकास परियोजना में अड़चन आती है तो म्हाडा उस परियोजना को अपने कब्जे में लेकर विकास करेगी। इसी के तहत दक्षिण मुंबई में ठप पड़ी परियोजना को लेकर म्हाडा में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में संबंधित परियोजना के लिए जारी किया गया अनापत्ति प्रमाणपत्र रद्द कर दिया गया। इस तरह से प्रलंबित कई परियोजनाओं की समीक्षा की गई है जिसके बाद उनमें से 464 को नोटिस जारी की गयी है। म्हाडा के भवन एवं मरम्मत बोर्ड के मुख्य अधिकारी अशोक डोंगरे ने कहा कि जिन परियोजनाओं के लिए पुरानी इमारतों का पुनर्विकास शुरू नहीं हुआ है, उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। हर साल मानसून में जर्जर इमारतें ढह जाती हैं जिसमें जन एवं धन की हानि होती है. डोंगरे ने आगे बताया कि अगर डेवलपर्स ने समय पर इन इमारतों का पुनर्विकास शुरू किया था, तो इमारत के ढहने से बचा जा सकता था। इसलिए हम प्रलंबित परियोजनाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे है. नए संशोधित कानून के लागू होने के बाद म्हाडा ऐसी लटकी हुई परियोजनाओं को अपने कब्जे में लेकर उसका पुनर्विकास करेगी। नोटिस को जारी करना उस दिशा का पहला कदम है।
म्हाडा की इन परियोजनाओं पर नजर
1,336 म्हाडा ने अब तक परियोजनाओं के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया है, 464 प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं हो सका, 98 प्रोजेक्ट पर काम अधूरा है, 568 परियोजना पर काम शुरू है, 183 परियोजना का काम अब तक पूरा हुआहै ।
15 दिनों में देना होगा जवाब
इन 464 प्रलंबित परियोजनाओं के संबंधित डेवलपर को इस नोटिस की सेवा के बाद 15 दिनों के भीतर जवाब देना होगा। अन्यथा म्हाडा नए कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई करेगी।