भारतीय जनता पार्टी के संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्यों की घोषणा की गई है. इसमें पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम शामिल नहीं है. वहीं बीएस येदियुरप्पा व सर्बानंद सोनोवाल जैसे नेताओं को संसदीय बोर्ड में एंट्री मिली है.
शिवराज सिंह चौहान और नितिन गडकरी को केंद्रीय चुनाव समिति से भी बाहर कर दिया गया है. बोर्ड में के लक्ष्मण को भी शामिल किया गया है. पीएम नरेंद्र मोदी और होम मिनिस्टर अमित शाह समेत बोर्ड में कुल 11 नेताओं को रखा गया है.
दरअसल, संसदीय बोर्ड भारतीय जनता पार्टी के फैसले लेने वाली सर्वोच्च इकाई है. बुधवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का पुनर्गठन करते हुए इनके नए सदस्यों के नाम की घोषणा की.
नई सूची के अनुसार, अब संसदीय बोर्ड में 11 सदस्य होंगे. इसमें जेपी नड्डा, पीएम नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह, बीएस येदियुरप्पा, सर्बानंद सोनोवाल, के.लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव और सत्यनारायण जटिया और राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष संसदीय बोर्ड के सचिव के तौर शामिल किया गया है.
वहीं, चुनावों में टिकट बंटवारे पर मुहर लगाने वाले केंद्रीय चुनाव समिति में 15 सदस्यों को शामिल किया गया है. केंद्रीय चुनाव समिति में भी नड्डा अध्यक्ष के तौर पर रहेंगे. वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह, बीएस येदियुरप्पा, सबार्नंद सोनोवाल, के.लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा, सुधा यादव, सत्यनारायण जटिया, भूपेंद्र यादव, देवेंद्र फडणवीस, ओम माथुर, और वनथी श्रीनिवासन (पदेन) को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है जबकि पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष चुनाव समिति में भी सचिव के तौर पर शामिल किए गए हैं.
हालांकि अभी तक ये नहीं पता चल सका है कि गडकरी और शिवराज सिंह चौहान को क्यों बाहर का रास्ता दिखाया गया. लेकिन जानकारों का कहना है कि दोनों ही नेता बागी तेवरों वाले हैं. वो अपनी बात कहने से नहीं हिचकिचाते. संसदीय बोर्ड की बैठक में दोनों के रहते मोदी-शाह की जोड़ी को खतरा था. लिहाजा दोनों बाहर कर दिए गए.