कुलभूषण जाधव मामले में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है. पाकिस्तान ने अपनी संसद में विधेयक पारित करके जाधव को अपील का अधिकार दिया है. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) के मुताबिक अब पाकिस्तान जाधव को अपील का अधिकार देने पर मजूबर हो गया है.
पाकिस्तान की संसद में मिली मंजूरी
पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव पर पड़ोसी देश कई झूठे आरोप लगा चुका हैं यहां तक कि उन्हें अपील करने का अधिकार तक नहीं दिया गया था. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक अब पाकिस्तानी संसद ने अपील के अधिकार से जुड़े विधेयक पर मुहर लगा दी है. पाकिस्तान आरोप लगाता रहा है कि उसने जाधव को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था और वह भारतीय जासूस हैं.
संसद में ‘अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (समीक्षा और पुनर्विचार) विधेयक 2020’ को मंजूरी मिल गई है. यह बिल जाधव को हाई कोर्ट में अपनी सजा के खिलाफ अपील का अधिकार देगा. इसके कानून बनने के बाद कुलभूषण जाधव को ICJ जैसी उच्च अदालतों में मौत की सजा के खिलाफ अपील का हक मिल जाएगा.

पाकिस्तान की संसद ने ‘अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (समीक्षा और पुनर्विचार) विधेयक, 2020’ को मंजूरी दे दी है। यह कुलभूषण जाधव को देश के उच्च न्यायालयों में अपनी सजा की अपील करने की अनुमति देगा।
कानून बनने के बाद अब कुलभूषण जाधव को आईसीजे जैसी उच्च अदालतों में मौत की सजा के खिलाफ अपील करन की आजादी मिल जाएगी। जाधव को पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट की तरफ से मौत की सजा मिली थी। इस विधेयक को पाकिस्तान के कानून और न्याय मंत्री फरोघ नसीम की तरफ से पेश किया गया था।
भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव की मौत की सजा मामले की सुनवाई कर रहे इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने भारत से कानूनी कार्यवाही में सहयोग करने के लिए कहा है। कोर्ट ने इसी साल पांच मई को पाकिस्तान के कानून एवं न्याय मंत्रालय की याचिका पर सुनवाई शुरू की थी, जिसमें जाधव के लिए वकील नियुक्त करने की मांग की थी।
क्या है मामला?
सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव (50) को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल, 2017 में जासूसी करने और आतंकवाद फैलाने के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी। भारत ने इसके खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में अपील की थी।
भारत का कहना है कि जाधव नौसेना से सेवानिवृत्ति के बाद व्यापार कर रहे हैं और उनके इसी सिलसिले में ईरान जाने पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने उन्हें झूठे इल्जाम में फंसाने के लिए वहां से अगवा किया था। भारत ने पाकिस्तान पर जाधव तक राजनयिक पहुंच उपलब्ध नहीं कराने का भी आरोप लगाया था।
आईसीजे ने जुलाई, 2019 में पाकिस्तान को जाधव मामले की दोबारा समीक्षा करने, उसे सैन्य अदालत के खिलाफ अपील का मौका देने और भारत को उस तक राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने का आदेश दिया था।