सुप्रीम कोर्ट से फटकार पड़ने के बाद आखिरकार मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) ने खुलासा कर दिया है. परम बीर सिंह ने कहा कि वह चंडीगढ़ में हैं और जल्द ही मुंबई में उनके खिलाफ चल रहे मामलों की जांच में शामिल होंगे. महाराष्ट्र सरकार मांग पर मुंबई की एक कोर्ट ने परमबीर सिंह को भगोड़ा घोषित किया हुआ है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में सुरक्षा देने संबंधित मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान उनसे उनका ठिकाना बताने के लिए कहा था. परम बीर सिंह के खिलाफ मुंबई और ठाणे में पांच मामले दर्ज हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को परम बीर सिंह को कथित जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की थी. कोर्ट ने इसे मंजूर करते हुए परम बीर सिंह को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था.
सुनवाई के दौरान परम बीर सिंह के वकील ने कहा था कि वह देश में ही हैं. उनके वकील ने कहा था, “वह फरार नहीं होना चाहते हैं. वह भागना नहीं चाहते हैं. हालांकि, मुद्दा यह है कि जैसे ही वह महाराष्ट्र में प्रवेश करेंगे, उनके जीवन के लिए एक बहुत ही वास्तविक खतरा है.”
मुंबई पुलिस ने हाल ही में मुंबई की एस्प्लेनेड कोर्ट में परमबीर सिंह को भगोड़ा अपराधी घोषित करने के लिए आवेदन दिया था. जिसके कोर्ट ने स्वीकार करते हुए परमबीर सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया. बता दें कि मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने ये कहते हुए भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी परमबीर सिंह को ‘‘फरार घोषित’’ किए जाने का अनुरोध किया था कि उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद भी उनका पता नहीं लगाया जा सका है.
वसूली मामले में परमबीर सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है. हाल ही में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की और कोर्ट से मांग किया कि उनके खिलाफ दर्ज सभी मुकदमों को रद्द किया जाए या सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया जाए. इस मांग पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया और साथ ही उनकी गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी. कोर्ट ने परमबीर से जांच में सहयोग करने के लिए कहा है.
18 नवंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई से मना कर दिया था. जस्टिस संजय किशन कौल और एम एम सुंदरेश की बेंच ने उनके वकील से पूछा था, “सबसे पहले हमें यह बताइए कि वह कहां हैं? देश में हैं या बाहर फरार हो गए हैं? इस जानकारी के बिना मामले पर सुनवाई नहीं हो सकती.”
फिर जब 22 नवंबर को इस मामले पर सुनवाई शुरू हुई तो पूर्व पुलिस कमिश्नर के लिए पेश वरिष्ठ वकील पुनीत बाली ने जजों को बताया, “मेरी उनसे खुद बात हुई है. वह भारत में ही हैं. लेकिन महाराष्ट्र में कदम रखते ही उन्हें खतरा है. इसलिए सामने नहीं आ रहे हैं.
मार्च 2021 में बर्खास्त किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद परम बीर सिंह को मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटा दिया गया था. वाझे को मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास विस्फोटकों से लदी एक गाड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया था. मुंबई पुलिस प्रमुख के पद से हटाए जाने के बाद, परम बीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.