निजी अस्पतालों पर नकेल कसने की तैयारी
प्रवेश द्वार या रिसेप्शन पर लगाना होगा रेट कार्ड
मुंबई-निजी अस्पतालों एवं दवाखानों पर मरीजों से इलाज के नाम पर मनमाना बिल वसूलने का आरोप अकसर लगता रहता है. इसके चलते कई बार निजी अस्पतालों एवं मरीजों के रिश्तेदारों के बीच बिल को लेकर विवाद होता है। जिसका मुख्य कारण अस्पतालों में इलाज के रेट कार्ड का न लगा होना होता है। मनपा प्रशासन अब निजी अस्पतालों और दवाखानों पर नकेल कसने के लिए प्रवेश द्वार या रिसेप्शन पर दर सूची लगाना अनिवार्य करने जा रही है।
प्रजा फाउंडेशन की रिपोर्ट में पहले नंबर पर रहने वाले भाजपा नगरसेवक हरीश छेड़ा ने मनपा सदन में इस आशय का एक प्रस्ताव रखा है। जिसके अनुसार अब निजी अस्पतालों और दवाखानों में मरीज को उसके इलाज के पूर्व ही उपचार में लगने वाले खर्च की जानकारी देना अनिवार्य होगा। किस प्रकार के ऑपरेशन में कितना खर्च आएगा, इसकी जानकारी मरीज या उसके रिश्तेदार को नहीं रहती है।
इलाज के बाद जो भारी भरकम बिल मरीज को दिया जाता है वह उसे और बीमार बना देता है। आम लोगों की इन परेशानियों को दूर करने के लिए भाजपा नगरसेवक हरीश छेड़ा ने अस्पताल एवं दवाखानों की दर सूची अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार पर लगाना अनिवार्य किए जाने का प्रस्ताव रखा है।छेड़ा के इस सुझाव का सभी पार्टी के नगरसेवक समर्थन कर रहे है।
कोरोना काल में राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों एवं दवाखानों में कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर दर निश्चित कर दिया था। सरकार द्वारा निर्धारित दर पर ही मरीजों का इलाज करना अनिवार्य किया गया था। इसके बावजूद भी निजी अस्पताल एवं दवाखाना के मालिकों ने अवैध वसूली जारी रखी थी। जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने मरीजों द्वारा वसूलेगए अधिक रकम को वापस लौटाने के लिए आईएएस अधिकारियों की निगरानी में एक समिति की स्थापना की थी। अंततः अस्पताल मालिकों को अवैध रूप से वसूल किए गए रुपयों को लौटाना पड़ा था।
भाजपा नगरसेवक ने सरकार के इस कदम के आधार पर अब मुंबई के सभी निजी अस्पतालों और दवाखानों को उनके प्रवेश द्वार पर दर सूची लगाना अनिवार्य करने की मांग रखी है। मनपा सदन में रखे प्रस्ताव पर सदन की मंजूरी मिलने के बाद मनपा आयुक्त को निजी अस्पतालों एवं दवाखानों में दर सूची लगाने के लिए मजबूर करना होगा। दर सूची न लगाने वाले अस्पतालों पर कठोर कार्रवाई करने अधिकार मनपा को होगा।