राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने सोमवार 27 जून को अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. उनके नामांकन दाखिल करने के दौरान संसद भवन में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला और विपक्ष के अन्य नेता मौजूद रहे.
बता दें कि देश के अगले राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होना है. मतगणना 21 जुलाई को होगी. वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है. विपक्ष की ओर से यशवंत सिन्हा चुनाव मैदान में उतर चुके हैं. इससे पहले, एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया था.
राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद यशवंत सिन्हा ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि मैं तमाम विपक्षी दलों का शुक्रिया अदा करता हूं जो जिन्होंने मुझे उनका उम्मीदवार चुना. यशवंत सिन्हा ने कहा कि मुझे बताया गया कि मैं विपक्षी की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए चौथी पसंद हूं, लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि अगर मैं दसवीं पसंद भी होता तो इसे स्वीकार करता. क्योंकि ये विचारों की लड़ाई है और मैं इसमें अपना योगदान देना चाहता हूं.
यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की योग्यता को लेकर कहा कि राष्ट्रपति का काम है सरकार को सलाह देना इसलिए ये ज़रूरी है कि राष्ट्रपति वो बने जो सलाह दे सके. उन्होंने कहा यदि कोई ऐसा व्यक्ति राष्ट्रपति बनता है जिसकी सरकार को सलाह देने की हिम्मत ही न पड़े तो वह अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह नहीं कर पाएगा. यशवंत सिन्हा ने कहा कि ऐसे हालात में वह केवल एक रबर स्टैम्प बनकर रह जाएगा, जैसा कि हमने पहले भी देखा है.
नामांकन से पहले यशवंत सिन्हा ने रविवार को एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि अगर वह राष्ट्रपति पद के लिए चुने जाते हैं तो वह राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग को तत्काल समाप्त कर देंगे.
विपक्ष के राष्ट्रपति पद के कैंडिडेट यशवंत सिन्हा का मानना है कि उन्हें अदृश्य ताकतों का समर्थन मिलेगा. दरअसल हाल में टीआरएस चीफ केसीआर ने भी यशवंत सिन्हा को सपोर्ट देने की बात कही है.
यशवंत सिन्हा के नामांकन दाखिल करने के समय संसद भवन में मौजूद रहने वाले कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि देश में लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए हमें एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ लड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम लोगों को 17 से ज्यादा पार्टियों का समर्थन है और जिन लोगों को हमने संपर्क नहीं किया उन लोगों ने खुद हमारे राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा जी को फोन किया और उनसे बात की. अब शायद सभी पार्टियों के मिल जाने के बाद एक नजदीकी लड़ाई होगी.