महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है. एमवीए सरकार से ज्यादा ये संकट अब खुद शिवसेना और उद्धव ठाकरे परिवार के लिए बढ़ता जा रहा है. एक ओर जहां सीएम उद्धव ठाकरे ने सरकारी बंगला खाली कर दिया तो वहीं एकनाथ शिंदे अभी भी अड़े हुए हैं और असम में ही जमे हुए हैं. इस बीच शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को खुली चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने विधायकों की भावनाओं का जिक्र किया है.
एकनाथ शिंदे गुट ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को खुली चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे पर गंभीर आरोप लगाया है. शिंदे गुट ने अपनी चिट्ठी में लिखा, जब हिंदुत्व और राम मंदिर पार्टी के लिए अहम मुद्दे हैं तो पार्टी ने हमें अयोध्या जाने से क्यों रोका. आदित्य ठाकरे की अयोध्या यात्रा के दौरान विधायकों को बुलाया गया और अयोध्या जाने से रोक दिया गया.
गुवाहाटी में मौजूद शिवसेना के बागी विधायकों ने अपनी खुली चिट्ठी में गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा, जब हम सीएम से नहीं मिल पाए, तो हमारे ‘असली विपक्ष’- कांग्रेस और राकांपा के लोगों को उनसे मिलने का मौका मिलता था और यहां तक कि उन्हें उनके निर्वाचन क्षेत्रों में काम के लिए पैसे भी दिया जाता था.
बागी विधायकों ने अपनी चिट्ठी में उनके साथ अपमान किये जाने का आरोप लगाया. चिट्ठी में बागी विधायकों ने लिखा, राज्य में शिवसेना का मुख्यमंत्री होने के बावजूद पार्टी के विधायकों को वर्षा बंगला (मुख्यमंत्री आवास) जाने का अवसर नहीं मिला. सीएम के आसपास के लोग तय करते थे कि हम उनसे मिल सकते हैं या नहीं. हमें अपमानित किया गया.
बागी विधायकों ने अपनी चिट्ठी में लिखा, हमारी हर समस्या एकनाथ शिंदे ही सुनते थे. उन्होंने आगे लिखा, राज्यसभा चुनाव में हमारे ऊपर क्यों अविश्वास किया गया. हमारे साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया. पिछले ढाई महिने से शिवसेना विधायकों के लिए दरवाजे बंद किये गये.
बागी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की बातों का खंडन किया है. उन्होंने लिखा, ‘राज्यसभा चुनाव में शिवसेना का एक भी वोट क्रॉस वोट नहीं हुआ था. इसके बाद भी विधान परिषद चुनाव से पहले हम पर अविश्वास जताया गया.’ इसके अलावा उन्होंने सीएम पर समस्याएं नहीं सुनने के आरोप लगाए हैं.
बुधवार को सीएम ठाकरे ने नेताओं को संबोधित किया था. उस दौरान उन्होंने बागी विधायकों से चर्चा करने की बात कही थी. इसपर पत्र में कहा गया है, ‘कल आपने इमोशनल भाषण दिया था, लेकिन उसमें हमारे मुद्दों पर कोई बात नहीं की गई.’
नेताओं का कहना है कि सीएम से मुलाकात के लिए करीबियों से संपर्क साधना पड़ता है. उन्होंने लिखा, ‘आपने जब वर्षा को छोड़ा तो काफी भीड़ वहां दिखाई दी. अच्छा हुआ कि पहली बार इस बंगले के दरवाजे आम लोगों के लिए भी खोले गए. पिछले ढाई साल से इस बंगले के दरवाजे बंद थे. विधायक होकर भी हमें आपसे मिलने के लिए आपके करीबियों के आगे-पीछे घूमना पड़ता है.’
एकनाथ शिंदे ने गुवाहाटी से अपने समर्थक विधायकों के साथ एक वीडियो जारी किया है. वीडियो में सभी 42 विधायक एक साथ नजर आ रहे हैं.