अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प मामले को लेकर आज संसद में फिर हंगामा हुआ. विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा की मांग पर अड़ा हुआ है।
दरअसल अरुणाचल के तवांग में भारत-चीन सैनिकों की झड़प के मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कल बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि, भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को LAC से खदेड़ा था. रक्षा मंत्री के बयान से असंतुष्ट कांग्रेस का दोनों सदनों से वॉकआउट कर दिया था।
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सेना के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 9 दिसंबर को हुई झड़प को लेकर सरकार पर चर्चा नहीं करने का आरोप लगाते हुए 17 विपक्षी दलों ने बुधवार को राज्यसभा से वॉकआउट किया। कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी, एमडीएमके, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भाकपा, जनता दल-यूनाइटेड, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी उन 17 पार्टियों में शामिल थीं, जो शून्य काल के दौरान सदन से बाहर चली गईं।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुलाई थी बैठक
संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई। बैठक में डीएमके, एसपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, शिवसेना, कांग्रेस, सीपीएम, सीपीआई, जेडीयू समेत करीब 15 दलों के नेता मौजूद रहे। बैठक में भारत-चीन विवाद और अन्य मुद्दों पर संयुक्त रणनीति बनाने के लिए खड़गे के कक्ष में विपक्षी नेताओं की ये अहम बैठक हुई।
विपक्ष ने बनाई रणनीति
बैठक में भाग लेने वाले एक नेता ने बताया था कि, “आज की बैठक में कुल 17 पार्टियों ने भाग लिया और चर्चा के लिए इस मुद्दे को उठाने का फैसला किया, अगर अनुमति नहीं दी गई तो ये तय किया गया है कि पार्टियां सदन से बाहर चले जाएंगी।” उन्होंने कहा कि,” विपक्ष ने ये भी निर्णय लिया है कि अगर चर्चा की अनुमति नहीं दी जाती है, तो वो सदन का बहिष्कार करेंगे।”
रक्षा मंत्री ने सदन में दी जानकारी
मंगलवार को संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूरे मामले की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा थी कि, चीनी सेना ने तवांग सेक्टर में घुसपैठ के जरिए यथास्थिति बदलने की कोशिश की, इसका भारतीय जवानों ने करारा जवाब देते हुए उन्हें वापस खदेड़ दिया। उन्होंने कहा था कि इस झड़प में दोनों तरफ के सैनिक घायल हुए हैं, लेकिन किसी भी भारतीय जवान को कोई गंभीर चोट नहीं लगी और ना ही किसी की शहादत हुई है।