यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ते तनाव के बीच यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने एक बार फिर से एडवाइजरी जारी की है। इसमें भारतीय छात्रों से तुरंत यूक्रेन छोड़ने की अपील की गई है। कहा गया हे कि, भारतीय छात्र विश्वविद्यालयों द्वारा ऑनलाइन कक्षाओं की आधिकारिक पुष्टि के बजाय वापस वतन लौट आएं।
दूतावास ने बताया कि, उसके पास बड़ी संख्या में फोन आ रहे हैं। छात्र मेडिकल विश्वविद्यालयों द्वारा ऑनलाइन कक्षाओं की पुष्टि के बारे में पूछ रहे हैं। दूतावास ने कहा है कि, छात्र व नागरिक अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अस्थाई रूप से वापस लौट आएं। शिक्षा प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए भारतीय दूतावास संबंधित अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है।
कीव में भारतीय दूतावास द्वारा जारी यह तीसरी एडवाइजरी थी। 20 फरवरी को एक एडवाइजरी में कहा गया, “यूक्रेन में स्थिति के संबंध में निरंतर उच्च स्तर के तनाव और अनिश्चितताओं को देखते हुए सभी भारतीय नागरिक जिनका प्रवास आवश्यक नहीं समझा जाता है और सभी भारतीय छात्रों को अस्थायी रूप से यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी जाती है।”
यूक्रेन पर हमले की गहराती आशंका के बीच भारत ने यूक्रेन व आसपास के क्षेत्रों में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए आज से निकासी अभियान शुरू कर दिया है। आज सुबह एयर इंडिया का विशेष विमान यूक्रेन रवाना कर दिया गया है। भारत ने इस विशेष अभियान के लिए 200 से ज्यादा सीटों वाले ड्रीमलाइनर बी-787 विमान को तैनात किया है। यह फ्लाइट यूक्रेन के खार्किव से 256 भारतीय छात्राें को लेकर देश लौटेगी।
जानकारी के मुताबिक, फ्लाइट आज रात 10.15 बजे देश लौट आएगी। इस बीच, यूक्रेन में जारी उच्च स्तरीय तनाव को देखते हुए भारत ने अतिरिक्त उड़ानों को संचालित करने का फैसला किया है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास के मुताबिक, कीव से दिल्ली के लिए अतिरिक्त उड़ानें 25 फरवरी, 27 फरवरी(दो उड़ानें) और 6 मार्च, 2022 को संचालित होंगी।
रूस-यूक्रेन के बीच चल रही तनातनी में भारत के 20 हजार से ज्यादा छात्र व नागरिक फंस गए हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरूमूर्ति ने बताया कि, 20 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र यूक्रेन व उसके आसपास के इलाकों में रहते हैं। इन छात्रों व भारतीय नागरिकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।
वहीं भारत ने दोनों पक्षों को संयम बरतने के साथ कूटनीतिक प्रयास तेज करने पर जोर देता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि, भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति स्थापना के पक्ष में है।