ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को बड़ी राहत मिली है. पटियाला हाउस कोर्ट की सत्र अदालत ने जुबैर को जमानत दे दी है. यह जमानत उन्हें कथित ट्वीट मामले में मिली है. कोर्ट ने उन्हें 50,00 रुपए के मुचलके पर जमानत दे दी है. उनपर बिना अनुमति के विदेश जाने पर रोक लगाया गया है.
जुबैर के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने और समाज में दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में केस दर्ज किया गया था. उन्होंने 2018 में एक ट्वीट किया था, जिसपर विवाद भड़क गया था.
जुबैर को जिस मामले में जमानत मिली है, वह केस उनके खिलाफ दिल्ली में दर्ज हुआ था. हालांकि, जमानत मिलने के बाद भी जुबैर अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे. जुबैर कई अन्य मामलों में भी आरोपी हैं. उन्हें अपने खिलाफ अन्य मामलों में राहत मिलने तक सलाखों के पीछे रहना होगा.
जुबैर को 27 जून को दिल्ली पुलिस ने अपने एक ट्वीट के जरिए धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. 2018 में एक हिंदू देवता को लेकर उनका एक ट्वीट था, जिसे लेकर पुलिस को शिकायत मिली थी. इसी मामले में जमानत के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जांगला ने आरोपी के साथ-साथ अभियोजन पक्ष के वकील की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया. जिसके बाद फैसले का इंतजार किया जा रहा था.
वहीं मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इसी मामले में 2 जुलाई को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया था. अदालत ने पांच दिन की हिरासत में पूछताछ के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा था. जिसके बाद जुबैर की तरफ से मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को चुनौती दी गई.
जुबैर के खिलाफ सात केस दर्ज किए गए हैं। इनमें से छह उत्तर प्रदेश और एक दिल्ली में दर्ज है. जुबैर पर शुरू में आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना) और 295ए (किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण काम करना) के तहत आरोप लगाया गया था.
बाद में दिल्ली पुलिस ने कथित रूप से विदेशी चंदा प्राप्त करने के लिए आईपीसी की धारा 201 (सबूत गायब करना), 120बी (आपराधिक साजिश) और विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) की धारा 35 भी जुबैर के खिलाफ दर्ज केस में जोड़ा.