शिरोमणी अकाली दल (शिअद) ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का फैसला किया है। भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने मुर्मू के समर्थन के लिए शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल से संपर्क किया था, जिसके एक दिन बाद पार्टी ने यह फैसला किया।
मुर्मू को समर्थन देने की बात पर शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि हमने राजग उम्मीदवार को समर्थन देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि हम कभी भी कांग्रेस के साथ नहीं जाएंगे। कांग्रेस ने सिख समुदाय को धोखा दिया है। शिअद ने कृषि कानूनों को लेकर भाजपा से नाता तोड़ लिया था, जिन्हें वापस लिया जा चुका है.
पार्टी की कोर कमेटी ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि अकाली दल कभी ऐसे उम्मीदवार का समर्थन नहीं कर सकता जिसे कांग्रेस पार्टी ने समर्थन दिया है, क्योंकि कांग्रेस ने न केवल श्री दरबार साहिब पर हमला किया बल्कि 1984 में सिखों के कत्लेआम की भी जिम्मेदार है।
कृषि कानूनों और सिख कैदियों की रिहाई के मुद्दों का हवाला देते हुए बादल ने कहा कि उनकी पार्टी के ”भाजपा के साथ कई मतभेद” हैं, लेकिन शिअद ने हमेशा समाज के गरीब व कमजोर वर्ग के लिए काम किया है। उन्होंने कहा, ”यह मुद्दा एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली महिला का है और उन्हें राष्ट्रपति बनने का मौका मिल रहा है।”
बादल ने कहा, ”अपने राजनीतिक मतभेदों को अलग रखते हुए, हमने सही रास्ता चुनने का फैसला किया है। शिअद का इतिहास बताता है कि उसने हमेशा गरीबों, अल्पसंख्यकों और कमजोर वर्ग के लिए लड़ाई लड़ी। लगभग तीन घंटे तक (कोर कमेटी की बैठक में) विचार करने के बाद हमने सर्वसम्मति से फैसला किया कि हम मुर्मूजी का समर्थन करेंगे।”
गौरतलब है कि राष्ट्रपति पद के लिए मुर्मू के नाम ऐलान के बाद से ही विभिन्न गैर राजग दल उन्हें समर्थन देने लगे हैं। ओडिशा से बीजेडी और आंध्र प्रदेश से वाईएसआर कांग्रेस ने पहले ही मुर्मू को समर्थन का ऐलान कर दिया था। ओडिशा के सीएम और बीजेडी के मुखिया नवीन पटनायक ने अपने सभी विधायकों से कहा था कि वह पार्टी लाइन से इतर हटकर मुर्मू को अपना समर्थन दें। सिर्फ इतना ही नहीं, नवीन पटनायक ने उन्हें राज्य की बेटी कहकर भी संबोधित किया था।