श्रद्धा वालकर के पिता विकास वालकर शुक्रवार को पहली बार मीडिया के सामने आए और इंसाफ की गुहार लगाई. श्रद्धा के पिता ने कहा कि आफताब को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. इसके अलावा आफताब के परिवार की जांच भी होनी चाहिए. इसके पीछे उनका भी हाथ होने की आशंका है.
श्रद्धा वालकर के पिता शुक्रवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिले. इस मुलाकात के बाद विकास वालकर ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मैं सबसे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल और डीसीपी साउथ को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने आश्वासन दिया है कि मुझे न्याय जरूर दिलाएंगे. डिप्टी सीएम दवेंद्र फडणवीस की ओर से भी हमें न्याय का आश्वासन मिला है.
वसई पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
श्रद्धा के पिता विकास वॉकर ने कहा कि मेरी बेटी की निर्मम हत्या हुई. उन्होंने वसई पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. विकास वॉकर ने कहा कि वसई पुलिस की वजह से मुझे काफी परेशानी हुई, अगर उन्होंने मदद की होती तो मेरी बेटी आज जिंदा होती. प्रेस कॉन्फ्रेंस में विकास वॉकर ने कहा कि श्रद्धा की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई और हम इसे कभी नहीं भूल सकते. जो लोग दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. जांच समय से होती तो बेटी आज जिंदा होती.
आफताब को फांसी होनी चाहिए
विकास वालकर ने कहा, ‘मुझे कानून पर भरोसा है. दिल्ली पुलिस की जांच चल रही है… सही तरह से चल रही है. फिर भी वसई पुलिस और नालासोपारा पुलिस ने जांच में देरी की. उस वजह से मुझे दिक्कतें हुईं. मेरी बेटी आज जिंदा होती या सबूत मिलने में मदद मिलती. मेरी बेटी को इंसाफ मिले इसके लिए आप लोग (मीडिया) मेरी जो मदद कर रहे हैं, आगे भी करते रहेंगे मुझे उम्मीद है. इस मामले में जो भी दोषी हो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. मैं आफताब पूनवाला के लिए भी उसी तरह के सबक की उम्मीद करता हूं जिस तरह उसने मेरी बेटी की हत्या की. उसे फांसी होनी चाहिए. आवेदनों पर कुछ प्रतिबंध होने चाहिए. 18 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को कुछ हद तक नियंत्रित किया जाना चाहिए. मैं चाहता हूं जो मेरे साथ हुआ ऐसा किसी और के साथ ना हो.’
दो साल से नहीं हुई थी श्रद्धा से बातचीत
मीडिया से बात करते हुए श्रद्धा के पिता ने कहा कि मैंने अपनी बेटी से बात करने की कोशिश की लेकिन पिछले दो सालों में उसने मुझे कोई जवाब नहीं दिया. मुझे कभी नहीं बताया गया कि मेरी बेटी के साथ क्या हो रहा है. आखिरी बार मेरी श्रद्धा से 2021 में बात हुई थी.मैंने उससे जानना चाहा कि वह कहां है, तब उसने मुझे बताया कि वह बेंगलुरु में रहती है. मैंने 26 सितंबर को आफताब से बात की जब मैंने उनसे अपनी बेटी के बारे में पूछा तो उन्होंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया.
आफताब ने श्रद्धा के बारे में नहीं दी जानकारी
श्रद्धा के पिता ने कहा मैं श्रद्धा और आफताब पूनावाला के रिश्ते के खिलाफ था. मैं आफताब द्वारा श्रद्धा के साथ की गई घरेलू हिंसा से अनजान था. मुझे लगता है, उसके परिवार के सदस्यों को सब कुछ पता था कि वह मेरी बेटी के साथ क्या कर रहा था. आफताब ने श्रद्धा को घर छोड़ने के लिए और हमसे संबंध तोड़ने के लिए मना लिया था. डेटिंग ऐप्स के जरिए ही श्रद्धा आफताब के संपर्क में आई थी.’
श्रद्धा के शव के किए थे 35 टुकड़े
आफताब ने श्रद्धा को मारकर उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए. कुछ दिन तो उसने शव के टुकड़ों को अपने छतरपुर वाले किराए के घर में एक फ्रिज में रखा और बाद में उनको अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया. आफताब इस वक्त दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. आज उसको साकेत कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट ने उसकी न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए बढ़ा दी है. आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट और नार्को टेस्ट हो चुका है. लेकिन अभी भी इस केस में कुछ ऐसे पहलू हैं जो अनसुलझे हैं.