समाजवादी पार्टी (सपा) नेता आजम खान को को 2019 के हेट स्पीच मामले (Hate Speech Case) में रामपुर की सेशन कोर्ट ने नियमित जमानत दे दी है। अभी तक वह अंतरिम जमानत पर चल रहे थे। कोर्ट ने उन्हें 50-50 हजार के दो जमानती पेश करने और 50 हजार रुपये का मुचलका भरने के बाद जमानत प्रदान कर दी।
कोर्ट ने हेट स्पीच देने के मामले में उन्हें तीन साल की कैद और छह हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई थी। इस फैसले को आजम खां ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी। सेशन कोर्ट ने आजम खान को 22 नवंबर तक के लिए अंतरिम जमानत दी थी।
आजम खान के वकील जुबैर अहमद ने बताया कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान नफरती भाषण देने के मामले में बीते 27 अक्टूबर को एमपी-एमएलए अदालत ने आजम खान को तीन साल की सजा सुनाई थी. उस वक्त उन्हें अंतरिम जमानत दे दी गई थी. इसी मामले में नियमित जमानत के लिए अदालत से अनुरोध किया गया था. उन्होंने बताया कि इस अर्जी पर दोनों पक्षों में बहस हुई और न्यायाधीश आलोक दुबे ने आजम खान को नियमित जमानत दे दी. अब सत्र अदालत में जब तक यह मामला विचाराधीन रहेगा, इस मामले में वह जमानत पर रहेंगे.
हेट स्पीच मामले में सजा मिलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी थी। इसके तुरंत बाद इलेक्शन कमीशन ने चुनाव कराने का ऐलान कर दिया। 17 नवंबर 2022 को चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से भी उनका नाम हटा दिया। जहां पर अब उपचुनाव हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) और रामपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह के खिलाफ कथित रूप से भड़काऊ टिप्पणी करने के आरोप में आजम खान के खिलाफ अप्रैल 2019 में रामपुर में केस दर्ज किया गया था।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के आजम खान ने रामपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उम्मीदवार संजय कपूर के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट के साल 2013 के फैसले के मुताबिक आजम खान को हेट स्पीच मामले में 3 साल की सजा होने के बाद उन्हें विधानसभा सदस्यता से हाथ धोना पड़ा।