कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बकरीद के मौके पर केरल में लॉकडाउन में ढील दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को जमकर फटकारा। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि यह चौंकाने वाली स्थिति है कि केरल सरकार ने लॉकडाउन मानदंडों में ढील देने में व्यापारियों की मांग को मान लिया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने केरल को साफ कहा है कि वह बकरीद के मौके पर भी कांवड़ यात्रा को लेकर शीर्ष न्यायालय के आदेश का पालन करे।
केरल सरकार ने आगामी बकरीद त्योहार को ध्यान में रखते हुए 18, 19 और 20 जुलाई को लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील देने की घोषणा की है। सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को आदेश दिया कि वह उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मामले में दिए गए कोर्ट के आदेश का पालन करें। कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी भी प्रेशर ग्रुप या धार्मिक समूह को लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हम केरल सरकार को निर्देश देते हैं कि वह संविधान के अनुच्छेद 21 और 144 को ध्यान में रखे और कांवड़ यात्रा केस को लेकर दिए हमारे आदेश का पालन करे।’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी तरह का दबाव नागरिकों के जीवन के अधिकार का उल्लंघन नहीं कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर कोई अनचाही घटना होती है तो कोई भी नागरिक शीर्ष न्यायालय को इसकी जानकारी दे सकते है और उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते हफ्ते ही कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से कांवड़ यात्रा के आयोजन पर पुनर्विचार करने को कहा था, जिसके बाद राज्य में कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई बंद कर दी थी।
केरल में बीते एक हफ्ते से रोज दस हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले आ रहे हैं। कुछ इलाकों में संक्रमण दर 11 फीसदी से भी ज्यादा है, जो कि चिंता का विषय है। सोमवार को भी यहां कोरोना के 9 हजार 931 नए मामले आए। ऐसे में बकरीद को लेकर लॉकडाउन में रियायत देने से कोरोना संक्रमण के और तेजी से फैलने की आशंका है।