संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। इस बीच विपक्षी दल लगातार सदन में अरुणाचल प्रदेश सीमा विवाद का मुद्दा उठा रहे और उस पर चर्चा की मांग कर रहे। घटना के बाद ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बयान तो दिया था, लेकिन विपक्षी दल उससे संतुष्ट नहीं हैं। इस मुद्दे को लेकर अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Malliarjun Kharge) ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि लगता है मोदी सरकार की लाल आंख पर चीनी चश्मा लग गया है।
खड़गे ने ट्वीट कर लिखा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी सरकार की ‘लाल आंख’ पर चीनी चश्मा लग गया है। क्या भारतीय संसद में चीन के विरूद्ध बोलने की अनुमति नहीं है ? इससे पहले बुधवार को उन्होंने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि चीन के द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण के बारे में हम इस सदन में चर्चा चाहते हैं। हमारी कोशिश है कि हमारे साथ ही पूरे देश को ये जानकारी मिले कि वहां की स्थिति क्या है?
जब अरुणाचल में झड़प की खबर आई, उस वक्त भी खड़गे ने इस मुद्दे पर कई ट्वीट किए। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि हमें हमारे भारतीय सैनिकों पर बहुत गर्व है। पूरा देश एकजुट होकर सेना की बहादुरी की प्रशंसा करता है। हम सभी जानते हैं कि अप्रैल 2020 से लगातार चीन हमारे सीमा के अंदर घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा। देश की जनता की ओर से हम चीन की घुसपैठ पर संसद में चर्चा चाहते हैं। कभी खबर आती है कि अरुणाचल प्रदेश में गांव बसा लिया…कभी देपसांग में दो सौ सेल्टर बना लिए। चीनी सैनिकों द्वारा वेपन सेल्टर, एंट्री एयरक्रॉफ्ट गन बनाने की खबरें आ रही हैं। ऐसा क्यों है?
बता दें कि 9 दिसंबर को भारतीय सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग के यांग्त्से में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीन द्वारा भूमि हड़पने के प्रयास को विफल कर दिया। रक्षा मंत्री ने कहा, “चीन ने एकतरफा यथास्थिति को बदलने की कोशिश की।” “भारतीय सैन्य कमांडरों के समय पर हस्तक्षेप के कारण, चीनी सैनिक अपने स्थानों पर वापस चले गए।” सिंह ने कहा कि कमांडरों की एक बैठक में चीनियों को इस तरह के कार्यों से बचने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा कि झड़प में किसी भी सैनिक का निधन नहीं हुआ है और ना ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ।