मुंबई-अचानक बिजली आपूर्ति ठप्प हो जाने से 12 अक्टूबर को लगभग 8 घंटे महानगर मुंबई समेत प्रदेश के अनेक शहर अंधेरे में डूब गए थे. सभी गतिविधियों के साथ लोकल सेवाएं भी बंद हो गयी थी. इस घटना को ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने गंभीरता से लेते हुए नवी मुंबई के ऐरोली स्थित स्टेट लोड डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर (एसएलडीसी) का दौरा किया। यह विद्युत् वितरण केंद्र राज्य को निर्बाध गति से बिजली आपूर्ति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ऊर्जा मंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ इस केंद्र के कामकाज का निरीक्षण किया। इस अवसर पर टाटा पावर के अधिकारियों ने उन्हें प्रस्तुति के माध्यम से बताया कि केंद्र किस तरह बिजली आपूर्ति व्यवस्था को नियंत्रित करता है, उस दिन 12 अक्टूबर को वास्तव में क्या हुआ था. ऊर्जा मंत्री ने संचालन व्यवस्था का जायजा लेने के बाद अधिकारियों को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल किया कि जब किसी कारण से मुंबई के लिए बाहर से आने वाली बिजली ठप्प हो जाती है तो उसकी वैकल्पिक व्यवस्था करना आपकी जिम्मेदारी है. आपने इस दिशा में क्या किया, अपनी गलती छिपाने की कोशिश क्यों कर रहे हो, यदि चूक हुई है तो इमानदारी से स्वीकार करो. यदि मुंबई में संसद होती और प्रधानमंत्री उसमें बोल रहे होते तब भी तुम्हारा यही उत्तर होता ?
अपने दावे पर कायम ऊर्जा मंत्री
मुंबई और इसके उपनगरों को बिजली आपूर्ति अचानक कट जाने को साजिश मानते हुए ऊर्जा मंत्री अब भी उस दावे पर कायम हैं. उनके सुझाव पर ही राज्य सरकार ने इस संबंध में एक जांच समिति नियुक्त की है। राउत को भरोसा है कि जांच के अंत में तस्वीर साफ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें इस समय आधुनिक तकनीक का उपयोग करने की आवश्यकता है। बिजली बिल को कम करने के लिए अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। बैठक में ऊर्जा मंत्री डॉ. राउत के साथ ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव, असीम गुप्ता, महापारेषण के अध्यक्ष एवं प्रबंध संचालक दिनेश वाघमारे, महापारेषण संचालक संजय टकसंडे, तकनीकी सलाहकार उत्तम जाल्टे व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।