राज्य सभा की कार्यवाही में बाधा डालने और शोरगुल करने की वजह से गुरुवार को आम आदमी पार्टी के सदस्य सुशील कुमार गुप्ता सहित तीन और सांसदों को उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने सदन से निलंबित कर दिया है। ये सांसद इस सप्ताह की शेष अवधि के लिए निलंबित रहेंगे। ये तीनों सांसद प्लेकार्ड ले कर आए थे और प्रदर्शन कर रहे थे जबकि कल प्ले कार्ड पर फिर पाबंदी लगाई गई थी.
सुशील कुमार गुप्ता के अलावा इन्हीं के पार्टी के संदीप पाठक और निर्दलीय सांसद अजीत कुमार भुयान पर कार्रवाई की गई है। संसद के चल रहे मानसून सत्र के दौरान अब तक 23 राज्यसभा सांसद और 4 लोकसभा सांसद समेत कुल 27 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है।
इससे एक दिन पहले आम आदमी पार्टी के ही संजय सिंह को सदन में उनके “अशांत व्यवहार” के लिए सप्ताह के शेष भाग के लिए निलंबित कर दिया गया था। वहींं राज्यसभा (Rajya Sabha) से निलंबित कए गए 20 सदस्यों और 4 लोकसभा सांसदों ने बुधवार को संसद परिसर के अंदर 50 घंटे का धरना प्रदर्शन शुरू किया. जिसमें अब कई विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाई है और विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं.
मंगलवार को टीआरएस, माकपा और भाकपा के अलावा टीएमसी के सात, द्रमुक के छह सहित विपक्ष के 19 और सांसदों को इसी कारण से निलंबित कर दिया गया। इसके अतिरिक्त, कांग्रेस के चार सांसदों को शेष मानसून सत्र के लिए भी लोकसभा से निलंबित कर दिया गया था।
टीएमसी की ओर से निलंबन की कार्रवाई के बाद ट्वीट किया गया था, ‘आप हमें निलंबित कर सकते हैं, लेकिन आवाज को चुप नहीं करा सकते।’ टीएमसी ने कहा कि हमारे सांसद जनता के मुद्दों को उठाना चाहते थे और इसलिए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। टीएमसी का कहना था कि कब तक ऐसा चलेगा। संसद की गरिमा को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। सीपीआई के सांसद बिनॉय विस्वाम ने कहा था कि सरकार चाहती है कि संसद विपक्ष से पूरी तरह से मुक्त हो जाए।