एक साथ 200 भक्तों को मिलेगा प्रवेश, नई तकनीक पर होगा 2 करोड़ का खर्च
मुंबई-कोरोना काल में गणेश भक्तों की आस्था को देखते हुए श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर न्यास नई तकनीक का प्रयोग करने जा रहा है. अब गणेश दर्शन के लिए मंदिर प्रबंधन आधुनिक तकनीक के तहत क्यूआर कोड का उपयोग करने जा रहा है। कोरोना संक्रमण से बचाव एवं सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर एक ऐप का निर्माण किया गया है, जिसमें पंजीयन के बाद क्यूआर कोड दिया जाएगा। भक्तों को मंदिर परिसर में प्रवेश पाने के लिए यह क्यूआर कोड दिखाना होगा। साथ ही उन्हें मास्क फेस डिटेक्शन मशीन से भी गुजरना होगा। बिना मास्क के मशीन मंदिर में प्रवेश नहीं देगी। मंदिर प्रबंधन की नई व्यवस्था के अनुसार मंदिर परिसर में एक साथ सिर्फ 200 भक्त ही दर्शन कर सकेंगे। भक्तों की संख्या बढ़ने पर कम्प्यूटर प्रवेश द्वार नहीं खोलेगा। नई व्यवस्था के लिए मंदिर प्रबंधन 2 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है।
इस तरह की पहली तकनीक
देश में पहली बार किसी मंदिर ने कोरोना काल में इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया है। गौरतलब है कि कोरोना संकट के कारण पूरे महाराष्ट्र में प्रार्थना स्थल बंद हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अगस्त महीने में सिद्धिविनायक मंदिर का ऐप लॉन्च किया था, ताकि भक्त ऑनलाइन दर्शन कर सकें। लेकिन अब मंदिर प्रबंधन नई अत्याधुनिक तकनीक से दर्शन की व्यवस्था उपलब्ध कराने जा रहा है।
हर श्रद्धालु को यूनिक नंबर
अब तक सिद्धिविनायक मंदिर में प्रवेश करने वाले भक्तों की तलाशी सुरक्षाकर्मी लेते थे, लेकिन अब यह काम कम्प्यूटर द्वारा संचालित होगा। मास्क नहीं लगाने पर मशीन गेट नहीं खोलेगी। आगे बढ़ने पर भक्त के शरीर का तापमान मशीन द्वारा चेक किया जाएगा। यदि शरीर का तापमान (टेंपरेचर) ज्यादा होगा तो मशीन भक्तों को प्रवेश नहीं देगी। मंदिर आने वाले हर एक भक्त को एक यूनिक नंबर दिया जाएगा।
मशीनें करेंगी सुरक्षा रक्षक का काम
मंदिर परिसर में भक्तों की संख्या पर ऑटोमेटिक मशीनें नजर रखेंगी। एक बार में केवल 200 भक्तों को ही प्रवेश मिलेगा। जैसे ही भक्तों की संख्या 200 होगी, प्रवेश द्वार नहीं खुलेगा। जब तक कि मंदिर परिसर में उपस्थित 200 भक्तों में से कोई बाहर नहीं निकलता तब तक गेट लॉक रहेगा।