राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में सोमवार को 119 शख्सियतों को पदमश्री अवॉर्ड दिया गया. इस दौरान कर्नाटक के बेल्लारी जिले के कल्लुकम्बा गांव में जन्मी ट्रांसजेंडर फोक डांसर मंजम्मा जोगती को भी पद्म श्री पुरस्कार मिला है. मंजम्मा जोगाठी का कहना है कि ट्रांसजेंडर होकर अपनी पहचान बनाने में उन्होंने कई मुश्किलों का सामना किया है.
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से पद्म श्री पुरस्कार लेने से पहले मंजम्मा ने राष्ट्रपति भवन में सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा. पद्म श्री पुरस्कार लेते वक्त मंजम्मा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अनोखे अंदाज में अभिवादन किया. इसे देखकर दरबार हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.
अवार्ड लेने से पहले वह जैसे ही राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के पास पहुंची, उस समय उन्होंने ट्रांसजेंडर कम्युनिटी द्वारा नजर उतारने वाली रस्म अदा की, जिससे पूरे हॉल में तालियां गूंजने लगी. इसके बाद मंजम्मा ने राष्ट्रपति और वहां मौजूद सभी लोगों का अभिवादन किया.

उन्होंने अपनी सभी परेशानियों और कठिनाइयों के बीच कई कलाओं में महारत हासिल की. मंजम्मा की इसी कला के चलते लोग उन्हें बखूबी जानते हैं. जोगाठी ने हर कदम पर अपने आप को मजबूत बनाया और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की भी सहायता की. उन्होंने कला के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई और उसे में महारत हासिल की.
कौन हैं मंजम्मा जोगती?
कर्नाटक के बेल्लारी जिले में कल्लुकंब गांव में 50 के दशक में मंजूनाथ शेट्टी (मंजम्मा जोगती) का जन्म हुआ. साल 2006 में मंजम्मा जोगती को कर्नाटक जनपद अकादमी अवॉर्ड दिया गया. फिर साल 2010 में कर्नाटक राज्योत्सव सम्मान. कई लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकीं मंजम्मा कर्नाटक जनपद अकादमी की पहली ट्रांसजेंडर अध्यक्ष भी हैं. मंजम्मा जोगाठी का असली नाम मंजूनाथ शेट्टी है. अब तक इस पद पर सिर्फ पुरुष ही चुने जाते थे. यह अकादमी साल 1979 में बनी थी। इस संस्था का काम राज्य में लोक कला को आगे बढ़ाना है.