महाराष्ट्र की राजनीति में उठापटक लगातार जारी है. आधी रात में भी यहां सियासी खींचतान जारी रही. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार देर रात मालाबार हिल स्थित अपना आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ खाली कर दिया है. उन्होंने अपने परिवार के साथ बांद्रा स्थित अपने निजी घर ‘मातोश्री’ में वापसी की। शिंदे द्वारा दो दिन पहले बगावत किए जाने और बागी विधायकों के तेवर में कोई नरमी नहीं आने के बीच ठाकरे ने यह कदम उठाया है.
मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ छोड़ते वक्त शिवसेना नेता नीलम गोरहे और चन्द्रकांत खैरे आदि वहां मौजूद थ. ठाकरे रात करीब 9:50 बजे पत्नी रश्मी ठाकरे, पुत्र एवं कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे और तेजस ठाकरे के साथ जब ‘वर्षा’ से ‘मातोश्री’ के लिए निकले तो पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके पक्ष में नारेबाजी की और उनपर पुष्पवर्षा की. ठाकरे परिवार रात करीब 10:30 बजे ‘मातोश्री’ के बाहर पहुंचा.
शाम को ‘फेसबुक लाइव’ में ठाकरे ने कहा था कि वह ‘वर्षा’ छोड़कर ‘मातोश्री’ में रहेंगे. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे नवंबर 2019 में मुख्यमंत्री बनने के बाद ‘वर्षा’ में रहने चले गए थे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उद्धव मातोश्री से ही सीएम का कामकामज करेंगे. हालांकि उन्होंने अभी सीएम पद से इस्तीफा नहीं दिया है। कुछ तीस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि सीएम उद्धव का सामान वर्षा बंगले से मातोश्री ले जाया जा रहा है.
एमवीए सहयोगियों के प्रभाव, मुख्यमंत्री द्वारा पद छोड़ने की पेशकश और यहां तक कि अपने आधिकारिक आवास को खाली करने के उनके फैसले के बावजूद संकट कम होने का कोई संकेत फिलहाल नहीं दिखा रहा है.
इससे पहले ठाकरे ने बुधवार को एक वर्चुअल संबोधन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह करने वाले बागी विधायकों को सुलह का प्रस्ताव दिया. राज्य के राजनीतिक संकट को नया मोड़ देते हुए उन्होंने कहा कि यदि कोई शिवसैनिक उनकी जगह लेता है तो उन्हें खुशी होगी.
शिवसेना के बागी नेता और मंत्री एकनाथ शिंदे के विद्रोह के कारण सरकार पर आए संकट पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि अगर बागी विधायक यह घोषणा करते हैं कि वह उन्हें (ठाकरे) मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते तो वह अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हैं.
ठाकरे ने कहा, “सूरत और अन्य जगहों से बयान क्यों दे रहे हैं? मेरे सामने आकर मुझसे कह दें कि मैं मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष के पदों को संभालने में सक्षम नहीं हूं. मैं तत्काल इस्तीफा दे दूंगा. मैं अपना इस्तीफा तैयार रखूंगा और आप आकर उसे राजभवन ले जा सकते हैं.” उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद पर किसी शिवसैनिक को अपना उत्तराधिकारी देखकर उन्हें खुशी होगी.