उत्तर प्रदेश में मदरसों को दिए जाने वाले अनुदान को लेकर यूपी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार अब किसी भी नए मदरसे को अनुदान सूची में शामिल नहीं करेगी. मंगलवार यानी,17 मई को कैबिनेट के फैसले में यूपी सरकार ने मदरसों को अनुदान सूची से बाहर करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान हुए फैसले को पलटते हुए यह निर्णय लिया है.
प्रदेश में पिछली समाजवादी पार्टी ने अपने शासन काल में अरबी-फारसी मदरसों में से 2003 तक के आलिया स्तर के स्थायी मान्यता प्राप्त मदरसों को अनुदान देने का फैसला किया था. आलिया में 9वीं और 10वीं स्तर की पढ़ाई होती है. समाजवादी पार्टी सरकार की नीति के तहत 100 मदरसों को अनुदान सूची में शामिल किया गया था, लेकिन समान मानक वाले 46 मदरसे उस दौरान छूट गए थे, जिसके बाद कुछ मदरसा संचालक कोर्ट पहुंच गए थे.
इस वक्त प्रदेश के कुल 560 मदरसों को सरकार द्वारा अनुदान दिया जा रहा है. अनुदान के तहत इन मदरसों के शिक्षकों, कर्मियों का भुगतान किया जाता है.
ऐसे में अब योगी सरकार ने 17 मई को कैबिनेट के फैसले में सपा की उस नीति को खत्म कर दिया है, जिसके जरिए मदरसों को सरकारी अनुदान सूची में शामिल कर अनुदान दिया जाता था. उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों को अनुदान सूची से बाहर करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. अब प्रदेश में किसी भी नए मदरसे को सरकारी अनुदान नहीं दिया जाएगा.