लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। कार्यवाही के दौरान विपक्षी सांसदों ने अडानी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।
कार्यवाही स्थगित होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, देश में आर्थिक घोटाले हो रहे हैं। समूचे विपक्ष ने तय किया है कि इसकी आवाज संसद में उठाई जाएगी। खरगे के मुताबिक, हमने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था, लेकिन हर बार तरह आज भी सरकार चर्चा नहीं चाहती है। यही कारण है कि सदन की कार्यवाही रद्द् कर दी गई।
विपक्ष की 13 पार्टियों ने बैठक की
अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को लेकर कांग्रेस, TMC, AAP, SP, DMK, जनता दल और लेफ्ट समेत 13 विपक्षी पार्टियों ने मीटिंग की। यह बैठक राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चेंबर में हुई। इनमें से 9 पार्टियों ने राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि लोगों की मेहनत का पैसा बर्बाद हो रहा है। लोगों का विश्वास बैंक और LIC से उठ जाएगा। कुछ कंपनियों के शेयर लगातार गिरते जा रहे हैं।
जेपीसी गठित करने की मांग
विपक्ष ने अडानी एंटरप्राइजेज पर हिंडनबर्ग शोध रिपोर्ट की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग की है। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, हम इस मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच की मांग करते हैं और संसद के अंदर इस मांग को उठाएंगे। हम मांग करते हैं कि कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की जानी चाहिए। विपक्ष ने गुरुवार को आरोप लगाया कि अडानी मुद्दे को उठाने से रोकने के लिए संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
सरकार ने करोड़ों भारतीयों की बचत को खतरे में डाला – जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, संसद के दोनों सदनों को आज दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया, क्योंकि सरकार ने एलआईसी, एसबीआई और अन्य सार्वजनिक संस्थानों द्वारा अडानी समूह में कथित रूप से जबरन निवेश की जांच के लिए संयुक्त विपक्ष की मांग पर सहमति नहीं जताई। उन्होंने कहा कि सरकार ने करोड़ों भारतीयों की बचत को खतरे में डाल दिया है।
गौरतलब है कि अडानी एंटरप्राइजेज ने बुधवार को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ ) को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की। हालांकि, कंपनी के एफपीओ को मंगलवार को पूर्ण अभिदान मिल गया था. समझा जाता है कि अडानी एंटरप्राइजेज ने यह कदम अमेरिका की शॉर्टसेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद उठाया है।
बता दें कि, हिंडनबर्ग ने 25 जनवरी को अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें दावा किया गया कि ये ग्रुप दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल रहा है। हालांकि अडानी समूह ने रिपोर्ट को निराधार बताया था।
उद्योगपति गौतम अडानी ने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण उनके समूह की प्रमुख कंपनी को पूर्ण अभिदान मिलने के बावजूद अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने का फैसला किया गया। हिंडनबर्ग रिसर्च की पिछले हफ्ते आई रिपोर्ट के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में 90 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट आई है। अडानी ने कहा कि बाजार के स्थिर होने के बाद हम पूंजी बाजार रणनीति की समीक्षा करेंगे।