गुजरात और कर्नाटक के बाद अब हिमाचल प्रदेश ने भी स्कूली पाठ्यक्रम में ‘भगवद्गीता’ को जोड़ने का फैसला लिया है। इसकी घोषणा हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने की।
उन्होंने कहा कि आगामी सत्र में क्लास 9 से 12 तक के सभी छात्रों को श्रीमद्भगवद्गीता एक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा। हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने मंडी में रविवार को एक मंच से कहा, “मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि इस सत्र से कक्षा 9 से 12 वीं तक सभी स्कूली छात्रों को ‘श्रीमद्भगवद् गीता’ पढ़ाया जाएगा।”
इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने जानकारी दी कि ‘श्रीमद्भगवद् गीता’ को दो भाषाओं संस्कृत और हिन्दी में पढ़ाया जाएगा। मीडिया से बातचीत में उन्होंने जानकारी दी कि सभी धर्मों के लोगों ने इस प्राचीन हिंदू ग्रंथ में रेखांकित किये गये नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों को स्वीकारा है। इसलिए, हमने छठी से 12वीं कक्षाओं तक के पाठ्यक्रमों में भगवद् गीता को शामिल करने का फैसला किया है।’
दरअसल, शिक्षा मंत्री रविवार को एक जनमंच की अध्यक्षता करने और जनता की शिकायतों को सुनने के लिए मंडी पहुंचे थे। लोगों की शिकायतों को सुनने के बाद उन्होंने अधिकारियों को तुरंत समाधान के लिए कदम उठाने के लिए कहा।
बता दें कि इससे पहले 17 मार्च को गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी घोषणा ने की थी कि कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक छात्रों को भगवद गीता पढ़ाया जाएगा। इसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कही थी जिसके लिए चर्चा अभी भी चल रही है।