यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए अच्छी खबर है. रूस-यूक्रेन तनाव (Russia Ukraine Tension) के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए एयर इंडिया ने बड़ा फैसला लिया है. एयर इंडिया (Air India) भारत-यूक्रेन के बीच तीन उड़ानों का संचालन करेगी. ये उड़ानें बोरिस्पिल इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Boryspil International Airport) से उड़ान भरेंगी. एयर इंडिया ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर यह जानकारी दी है.
हाल ही में अपने पुराने मालिक टाटा संस (Tata Sons) के पास चली गई एयर इंडिया ने अपने ट्वीट में बताया कि ये उड़ानें 22, 24 और 26 फरवरी को संचालित होंगी. एयरलाइन ने बताया कि ग्राहक एयर इंडिया के कार्यालयों, वेबसाइट कॉल सेंटर और अधिकृत ट्रैवल एजेंट्स से इन उड़ानों के लिए बुकिंग करा सकते हैं.
मत्रालय ने हटाया उड़ानों से प्रतिबंध
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हाल ही में भारत और यूक्रेन के बीच संचालित होने वाली उड़ानों पर लगा प्रतिबंध हटाया है. मंत्रालय के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को गुरुवार को बताया कि मंत्रालय ने विमानों में उपलब्ध कराई जाने वाली सीटों की संख्या पर लगे प्रतिबंध को भी हटा दिया गया है. साथ ही देश की विमानन कंपनियों से यूक्रेन के लिए उड़ानों के संचालित की संभावनों को खोजने के लिए भी कहा गया है. इसके बाद अब एयर इंडिया ने यूक्रेन के लिए अपनी तीन उड़ानों की घोषणा कर दी है.
हालांकि अभी तक भारत सरकार ने यूक्रेन में रह रहे भारतीयों को वापस बुलाने के संबंध में कोई घोषणा नहीं की है. विदेश मंत्रालय प्रवक्ता (Foreign Ministry spokesman) ने शुक्रवार को कहा है कि यूक्रेन-रूस सीमा (Ukraine-Russia border) पर वास्तव में क्या हो रहा है इस बारे में हम ठोस कुछ नहीं कह सकते. जहां तक स्थिति की गंभीरता का सवाल है, यह स्पष्ट है कि जब भी हम कोई एडवाइजरी जारी करते हैं तो एक आकलन के बाद ही करते हैं. हालांकि अभी तक लोगों की वहां से निकासी पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “यूक्रेन (Ukraine) के हालात पर हम नज़र बनाए हुए हैं. हेल्प लाइन शुरू की गई है और कीव और दिल्ली में कंट्रोल स्थापित किए गए हैं. दूतावास सामान्य तरीके से काम कर रहा है.” उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय दूतावास छात्रों के साथ सम्पर्क में है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत की स्थिति साफ है, हम तनाव तत्काल कम करने का हक में हैं और समाधान कूटनीतिक वार्ताओं के जरिए निकाले जाने के पक्ष में हैं.
गौरतलब है कि रूस ने यूक्रेन से लगी सीमा पर करीब एक लाख सैनिकों को तैनात किया है और नौसेना अभ्यास के लिये काला सागर में युद्धपोत भेज रहा है. इसके कारण नोटो देशों को आशंका है कि रूस, यूक्रेन पर हमला कर सकता है. हालांकि, रूस ने यूक्रेन पर हमले की किसी योजना से इनकार किया है.