नागालैंड (Nagaland) के मोन जिले में ओटिंग गांव के ग्रामीणों पर 21 पैरा स्पेशल फोर्स की फायरिंग के मामले में आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जवाब दिया.
अमित शाह ने कहा कि ओटिंग, सोम में चरमपंथियों की गतिविधि की सूचना मिली थी. इसी आधार पर 21 कमांडो ने संदिग्ध इलाके में घात लगाकर हमला किया. इस दौरान वहां एक वाहन पहुंचा, उसे रुकने का इशारा किया गया, लेकिन उसने भागने की कोशिश की. चरमपंथियों को ले जा रहे वाहन के संदेह में, उस पर गोली चलाई गई.
गृह मंत्री ने आगे कहा कि वाहन में सवार 8 लोगों में से 6 की मौत हो गई. बाद में पता चला कि यह गलत पहचान का मामला है. घायल हुए 2 अन्य लोगों को सेना द्वारा निकटतम स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. इसकी खबर मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों ने सेना की टुकड़ी को घेर लिया, 2 वाहनों में आग लगा दी और उन पर हमला कर दिया.
ग्रामीणों के हमले में सुरक्षाबलों का एक जवान शहीद हो गया, जबकि कई अन्य जवान घायल हुए. सुरक्षाबलों को आत्मरक्षा और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए फायरिंग का सहारा लेना पड़ा. इससे 7 और नागरिकों की मौत हो गई, कुछ अन्य घायल हो गए. स्थानीय प्रशासन-पुलिस ने स्थिति सामान्य करने की कोशिश की.
शाह ने कहा कि इस घटना के बाद कुछ लोगों ने 5 दिसंबर को असम राइफल्स की यूनिट पर तोड़ फोड़ की. मकान में आग लगा दी. इसके बाद असम राइफल्स को गोली चलानी पड़ी. इसमें एक और व्यक्ति की मृत्यु हो गई. प्रभावित क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि सरकार ने घटना की जांच के लिए SIT गठित कर दी है. यह एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार भी जितना संभव है उतना मदद कर रही है. मामले में FIR दर्ज कर ली गई है.
शाह ने कहा कि सेना ने इन मौतों पर अत्यधिक दुख व्यक्त किया है. घटना में कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. गृह मंत्रालय पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है. उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों से कहा गया है कि वे विद्रोहियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाते वक्त इस बात का ध्यान दें कि जिससे कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो.
वहीं, सेना की फायरिंग में मारे गए 14 लोगों के मामले में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठा दी गई है. इस इंक्वायरी का इंचार्ज मेजर जनरल रैंक के अधिकारी को बनाया गया है. जांच अधिकारी, नॉर्थईस्ट सेक्टर में तैनात हैं.