गणतंत्र दिवस समारोह की समाप्ति के मद्देनजर बीटिंग द रिट्रीट समारोह विजय चौक पर शुरू हो गया है. इस दौरान वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पहुंच चुके हैं.
बीटिंग रिट्रीय के समारोह का मुख्य आकर्षण स्वतंत्रता के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में होने वाला 1,000 ड्रोन का 10 मिनट का ड्रोन शो है. मंत्रालय ने कहा कि यह ड्रोन शो स्टार्टअप ‘बोटलैब डायनेमिक्स’ द्वारा आयोजित किया गया है और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समर्थित है.
‘अबाइड विद मी’ की धुन को ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह से हटाया गया
महात्मा गांधी के पसंदीदा ईसाई स्तुति गीतों में से एक ‘अबाइड विद मी’ की धुन को इस साल 29 जनवरी को होने वाले ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह से हटा दिया गया है. स्कॉटलैंड के एंग्लिकन कवि हेनरी फ्रांसिस लाइट द्वारा 1847 में लिखित 1950 से ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह का हिस्सा रहा है. इस साल के समारोह का समापन अबाइड विद मी’ की जगह ‘सारे जहां से अच्छा’ के साथ होगा.
बीटिंग रिट्रीट समारोह में बजाई जाएंगी 26 धुनें
इस साल के विजय चौक पर होने वाले समारोह में जिन 26 धुनों को बजाया गया, उनमें ‘हे कांचा’, ‘चन्ना बिलौरी’, ‘जय जन्म भूमि’, ‘नृत्य सरिता’, ‘विजय जोश’, ‘केसरिया बन्ना’, ‘वीर सियाचिन’, ‘हाथरोई’, ‘विजय घोष’, ‘लड़ाकू’, ‘स्वदेशी’, ‘अमर चट्टान’, ‘गोल्डन एरोज’ और ‘स्वर्ण जयंती’ शामिल हैं.
इन धुनों ने भी बांधा समा
‘वीर सैनिक’, ‘फैनफेयर बाय बगलर्स’, ‘आईएनएस इंडिया’, ‘यशस्वी’, ‘जय भारती’, ‘केरल’, ‘हिंद की सेना’, ‘कदम कदम बढ़ाए जा’, ‘ड्रमर्स कॉल’, ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ भी उन 26 धुनों का हिस्सा रहीं, जिन्हें 29 जनवरी की शाम को बजाया गया.
इस समारोह के जरिए गणतंत्र दिवस समारोह को औपचारिक रूप से समाप्त किया जाता है. हर साल 29 जनवरी को देश की राजधानी दिल्ली के विजय चौक पर बीटिंग द रिट्रीट समारोह का आयोजन किया जाता है. इसके साथ ही गणतंत्र दिवस के भव्य समारोह का समापन किया जाता है. इसमें तीनों सेनाएं मैजूद रहती हैं और समारोह के समापन के बाद सेनाएं अपने-अपने बंकर में वापस चली जाती हैं. इसके अलावा पुलिस बल के स्पेशल बैंड भी इसमें हिस्सा लेते हैं.
उल्लेखनीय है कि बीटिंग रिट्रीट के साथ 24 जनवरी से शुरू करीब एक सप्ताह के गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होता है. हालांकि, सरकार ने इस साल से 23 जनवरी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती से ही गणतंत्र दिवस समारोह शुरू करने का फैसला किया है.
‘बीटिंग रिट्रीट’ सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है जो उन दिनों से चली आ रही है जब सूर्यास्त के समय सैनिक युद्ध से अलग हो जाते थे. बिगुल की धुन बजने के साथ सैनिक लड़ना बंद कर अपने हथियार समेटते हुए युद्ध के मैदान से हट जाते थे.