चाइल्ड पोर्नोग्राफी (Child Pornography) मामले में सीबीआई ने 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 76 जगहों पर छापा मारा है. 14 नवंबर को इस मामले में 83 आरोपियों के खिलाफ 23 नामजद FIR दर्ज किए गए थे.
छापेमारी की कार्रवाई आंध्र प्रदेश, दिल्ली, यूपी, पंजाब, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में चल रही है. सीबीआई ने 14 नवंबर को बच्चों के यौन शोषण से जुड़े मामलों में 83 आरोपियों के खिलाफ 23 केस दर्ज किए थे. सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी ने जानकारी दी कि छापेमारी अभियान समन्वित तरीके से चलाया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, मध्यप्रदेश के 3 बड़े शहरों में भी छापामारी की जा रही है.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के पिछले दिनों जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक देशभर में बच्चों के खिलाफ साइबर क्राइम 2019 की तुलना में 2020 में 400% से ज्यादा बढ़े हैं. इनमें से ज्यादातर मामले यौन कार्यों में बच्चों को दिखाने वाली सामग्री के प्रकाशन और प्रसारण से जुड़े हैं.
NCRB के 2020 के आंकड़ों के मुताबिक बच्चों के खिलाफ साइबर पोर्नोग्राफी के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश में 161, महाराष्ट्र में 123, कर्नाटक में 122 और केरल में 101 दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा ओडिशा में 71, तमिलनाडु में 28, असम में 21, मध्यप्रदेश में 20, हिमाचल प्रदेश में 17, हरियाणा में 16, आंध्रप्रदेश में 15, पंजाब में 8, राजस्थान में 6 केस सामने आए थे। इनमें से केरल व कर्नाटक को छोड़कर बाकी राज्यों में आज छापे की कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा गुजरात व दिल्ली में भी आज CBI की जांच चल रही है
बता दें कि भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी (Child Pornography) अपराध है. आईटी अधिनियम (IT Act) की धारा 67 के तहत चाइल्ड पोर्नोग्राफी को अपराध घोषित किया गया है. इस मामले में दोषी पाये जाने पर सजा का प्रावधान है. पहली बार अपराध करने पर 5 साल जेल और 10 लाख रुपए जुर्माना की सजा मिल सकती है. इसके बाद अपराध करने पर 7 साल जेल और 10 लाख रुपए जुर्माना की सजा मिल सकती है.
2015 में सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद केंद्र ने 850 पोर्न साइट्स पर बैन लगा दिया था. इसका विरोध हुआ. तब केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी सफाई पेश की थी. अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने तब के चीफ जस्टिस एचएल दत्तू की बेंच के सामने कहा था, ‘अगर कोई अकेले में पोर्नोग्राफी देखना चाहता है तो उस पर बैन नहीं है. इंटरनेट के इस दौर में सभी पोर्न साइट्स को बैन करना मुश्किल है. हम किसी के बेडरूम में जाकर नहीं झांक सकते.’ एक्सपर्ट्स का कहना है कि पोर्न साइट्स से जुड़े सभी सर्वर ब्लॉक करना मुमकिन नहीं है. ऐसी कई वेबसाइट्स हैं, जो VPN (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) के जरिए इन साइट्स तक एक्सेस देती हैं.