भारत में वैक्सीनेशन अभियान (vaccination program) की शुरुआत को एक साल हो चुका है. इस साल 3 जनवरी से 15 से 18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत हुई थी. बच्चों के लिए 3 जनवरी को शुरू हुए वैक्सीनेशन अभियान काफी जोरो पर है. 15 से 18 साल के 3.31 करोड़ बच्चों ने अब तक वैक्सीन की पहली खुराक ले ली है. आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ 13 दिनों के अंदर इस आयु वर्ग में अब तक 45 प्रतिशत बच्चों का कवरेज हो चुका है.
अब मार्च से 12 से 15 साल के बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन अभियान शुरू हो जाएगा. यह जानकारी कोविड-19 पर बने नेशनल टेक्निकल एडवायजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (National Technical Advisory Group on Immunisation) के चेयरमैन डॉ एन के अरोड़ा (Dr N K Arora) ने दी है. अरोड़ा ने कहा है कि फरवरी के अंत या मार्च की शुरुआत से ही 12 से 15 साल के बच्चों को वैक्सीन दी जाने लगेगी.
डॉक्टर अरोड़ ने बताया कि सरकार का लक्ष्य फिलहाल 15 से 18 साल के किशोरों को जनवरी अंत तक टीके की पहली और फरवरी अंत तक दूसरी खुराक देना है. डॉक्टर एनके अरोड़ा ने टीओआई से बातचीत के दौरान कहा कि हम 12 से 14 साल की उम्र वाले बच्चों का टीकाकरण अभियान फरवरी के आखिर या मार्च के शुरुआती हफ्ते में आरंभ करना चाहते हैं.
भारत में कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान शुरू हुए एक साल हो गया है. इस उपलक्ष्य पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि देश की 70 फीसदी योग्य आबादी का टीकाकरण पूरा हो गया है तो वहीं 93 फीसदी लोगों को वैक्सीन की कम-से-कम एक खुराक दे दी गई है.
डॉ एन के अरोड़ा ने कहा, 12 से 17 साल के बच्चे काफी हद तक बड़ों की तरह ही होते हैं. इसलिए इन्हें कोरोना के प्रति सुरक्षा प्रदान करना बेहद जरूरी है. इस उम्र के बच्चे काफी गतिशील होते हैं और उन्हें इधर-उधर ज्यादा करना पड़ता है. उन्हें स्कूल, कॉलेज, दोस्तों से मिलने जाना होता है, इसलिए उन्हें संक्रमण का खतरा भी ज्यादा है. ओमिक्रॉन आने के बाद यह जोखिम और बढ़ गया है. इसलिए सरकार अब इन बच्चों को प्राथमिकता में ले रही है और इन्हें जल्द से जल्द वैक्सीन कवरेज के तहत लाना चाहती है.