देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत समेत तमिलनाडु हेलिकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वाले सभी 13 लोगों को आज अंतिम विदाई दी जा रही है. सीडीएस बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी का भी अंतिम संस्कार होगा. दिल्ली कैंट के बरार स्क्वायर में अंतिम संस्कार की तैयारी है.
सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत सभी जवानों का अंतिम संस्कार आज पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा. सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के पार्थिव शरीर को बेस अस्पताल से उनके आधिकारिक निवास कामराज मार्ग पर ले जाया गया है. यहां पर गणमान्य लोगों के साथ आम आदमी भी उनका अंतिम दर्शन कर सकेंगे.
बेटियों ने दी श्रद्धांजलि
सीडीएस बिपिन रावत और मधुलिका रावत की बेटियों कृतिका और तारिनी ने अपने माता-पिता को श्रद्धांजलि दी. जनरल रावत की दोनों बेटियां ताबूत में रखे पिता के अवशेषों को एकटक निहारती रहीं
यहां पर गृहमंत्री अमित शाह, एनएसए अजीत डोभाल, जम्मू कश्मीर और दिल्ली के उपराज्यपाल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और कांग्रेसी नेता राहुल गांधी, हरीष रावत समेत कई सांसदों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों में विदेशी राजनयिक भी शामिल हैं.
यहां पर दोपहर डेढ़ बजे तक उनके अंतिम दर्शन किए जा सकेंगे. इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को अंतिम यात्रा के लिए निकाला जाएगा और दो बजे अंतिम यात्रा बरार स्क्वायर पर पहुंचेगी.
ब्रिगेडियर लिड्डर हुए पंचतत्व में विलीन
तमिलनाडु में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ हेलिकॉप्टर क्रैश में दुनिया को अलविदा कहने वाले ब्रिगेडियर एल. एस. लिड्डर को उनकी पत्नी और बेटी ने श्रद्धांजलि दी. दिल्ली कैंटर के बरार स्क्वैयर में ब्रिगेडियर लिड्डर की पत्नी और बेटी ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी. ब्रिगेडियर एल एस लिड्डर का आज सुबह साढ़े 9 बजे दिल्ली कैंट के बरार स्क्वॉयर श्मशान में अंतिम संस्कार किया गया.
शहीद ब्रिगेडियर एलएस लिद्दड़ की बेटी आश्ना पिता के ताबूत के पास पहुंचीं. वे कुछ पल देखती रहीं और फिर झुककर पिता के ताबूत को चूम लिया. आश्ना 12वीं की छात्रा हैं. यह देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति का दिल भर आया. आश्ना के आंसू सब्र का बांध तोड़कर पूरे समय बहता रहा.
ब्रिगेडियर एल. एस. लिड्डर की पत्नी ने ताबूत को चूमा, फूल अर्पित किए और देर तक उससे लिपटी रहीं. फिर जब अंतिम संस्कार के लिए ले जाने से पहले लिड्डर के शव पर रखे तिरंगे को जब उन्हें सौंपा गया था तो सिर झुकाकर उसे माथे लगाया और देर तक रोती रहीं. पति को खोने का गम और देश सेवा के गर्व का मिलाजुला भाव उनके चेहरे पर देखने को मिल रहा था.
ब्रिगेडियर का पार्थिव शरीर देख उनकी पत्नी और बेटी की आंखों से आंसू का सैलाब रुकने का नाम नहीं ले रहा था. लेकिन एक सैनिक की पत्नी और बेटी होने का फर्ज अदा करते हुए दोनों ने ही खुद को मजबूत किया और इस दुख की घड़ी में एक दूसरे का हाथ थाम उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी. लिड्डर की बेटी ने अपने पिता को मुखाग्नि दी.
वहीं ब्रिगेडियर एसएस लिड्डर को आज आखिरी विदाई देने के लिए श्मशान घाट पर कई शीर्ष अधिकारी पहुंचे. अंतिम संस्कार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, NSA अजीत डोभाल, केंद्रीय मंत्री और एनडीए में ब्रिगेडियर लिड्डर के बैचमेट रहे राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी शामिल हुए.
इसके अलावा ब्रिगेडियर को श्रद्धांजलि देने तीनों सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर दिल्ली कैंट के बरार स्क्वायर पहुंचे. वहीं उन्होंने लिड्डर को श्रद्धांजलि दी.