पटाखों पर लगा प्रतिबंध,एनजीटी के इस आदेश के क्या हैं मायने
Firecrackers Ban in India 2020: देश में प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण अपने चरम पर है। सबसे बुरा हाल दिल्ली-एनसीआर में है, जहां कोहरे के चादर की भांति आसमान में धुंध छाई हुई है। वहीं, इस त्योहारी सीजन पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया।
दिल्ली-एनसीआर को लेकर यह है आदेश
एनजीटी के आदेश के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग पर 9 नवंबर की मध्यरात्रि से 30 नवंबर की मध्यरात्रि तक पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। फिलहाल दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद की खराब स्तर पर है। पटाखों से निकलने वाला धुंआ इस स्थिति को और भी बदतर कर सकता है। एनजीटी के इस फैसले का असर एनसीआर में शामिल सभी जिलों पर लागू होगा।
हरियाणा के इन जिलों में पटाखे नहीं जला पाएंगे लोग
एनसीआर में हरियाणा के सबसे ज्यादा 14 जिले शामिल हैं। ये जिले हैं- गुरुग्राम, फरीदाबाद, भिवानी, चरखी दादरी, झज्जर, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़, नूह, पानीपत, पलवल, रेवाड़ी, रोहतक और सोनीपत। एनजीटी के आदेश के मुताबिक, इन जिलों में लोगों के पटाखे जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध होगा।
यूपी के इन जिलों में पटाखे नहीं जला पाएंगे लोग
एनसीआर में उत्तर प्रदेश के आठ जिले शामिल हैं। इसमें गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, बागपत, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर और शामली शामिल हैं। एनजीटी के आदेश के बाद इन जिलों में पटाखों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध होगा।
राजस्थान में पहले से ही लागू है प्रतिबंध
एनसीआर में राजस्थान के दो जिले शामिल हैं। ये जिले हैं- अलवर और भरतपुर। एनजीटी के आदेश के बाद यहां पर पटाखों पर प्रतिबंध लागू होगा। वहीं, राजस्थान सरकार ने दो नवंबर को ही एलान किया था कि राज्य में पटाखों की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।