प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM narendra modi) दो दिवसीय काशी दौरे पर हैं. मंगलवार को पीएम मोदी ने विहंगम योग संस्थान के 98वें वार्षिकोत्सव में शिरकत की और संबोधित किया. पीएम ने कहा कि कल (13 दिसंबर) काशी ने भव्य विश्वनाथ धाम महादेव के चरणों में अर्पित किया और आज (14 दिसंबर) विहंगम योग संस्थान का ये अद्भुत आयोजन हो रहा है. इस दैवीय भूमि पर ईश्वर अपनी अनेक इच्छाओं की पूर्ति के लिए संतों को ही निमित्त बनाता है.
पीएम ने कहा कि सद्गुरु सदाफलदेव जी ने समाज के जागरण के लिए विहंगम योग को जन-जन तक पहुंचाने के लिए यज्ञ किया था. आज वो संकल्प बीज हमारे सामने इतने विशाल वट वृक्ष के रूप में खड़ा है. हमारा देश इतना अद्भुत है कि, यहां जब भी समय विपरीत होता है, कोई न कोई संत-विभूति, समय की धारा को मोड़ने के लिए अवतरित हो जाती है. ये भारत ही है जिसकी आजादी के सबसे बड़े नायक को दुनिया महात्मा बुलाती है.
देश को नई दिशा दे रहा है बनारस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वर्वेद महामंदिर में विहंगम योग के 98वें वार्षिकोत्सव को संबोधित करते हुए बनारस को देश को नई दिशा देने वाला शहर बताया. साथ ही कहा कि यहीं से पूरे भारत के विकास का रोडमैप तय होता है.
संबोधन के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि बनारस के विकास का सकारात्मक असर यहां आने वाले पर्यटकों पर भी पड़ रहा है. 2014-15 के मुकाबले में 2019-20 में यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या दोगुनी हो गई है. 2019-20 कोरोना कालखंड में अकेले बाबतपुर एयरपोर्ट से ही 30 लाख से ज्यादा लोगों का आना-जाना हुआ है.
रिंग रोड का काम भी काशी ने रिकार्ड समय पर पूरा किया है. बनारस आने वाली कई सड़कें भी अब चौड़ी है गई हैं. जो लोग सड़क के रास्ते बनारस आते हैं, वो सुविधा से कितना फर्क पड़ा है, इसे अच्छे से समझते हैं. मैं जब काशी आता हूं या दिल्ली में भी रहता हूं तो प्रयास रहता है कि बनारस में हो रहे विकास कार्यों को गति देता रहूं. कल रात 12 बजे के बाद जैसे ही मुझे अवसर मिला, मैं फिर निकल पड़ा था अपनी काशी में जो काम चल रहे हैं, जो काम किया गया है, उनको देखने के लिए.
गौदोलिया में जो सुंदरीकरण का काम हुआ है, देखने योग्य बना है. मैंने मडुवाडीह में बनारस रेलवे स्टेशन भी देखा. इस स्टेशन का भी अब कायाकल्प हो चुका है. पुरातन को समेटे हुए नवीनता को धारण करना, बनारस देश को नई दिशा दे रहा है. बनारस जैसे शहरों ने मुश्किल से मुश्किल समय में भी भारत की पहचान के कला के, उद्यमिता के बीजों को सहेजकर रखा है. आज जब हम बनारस के विकास की बात करते हैं, तो इससे पूरे भारत के विकास का रोडमैप तय होता है.