राज्यसभा में राष्ट्रपति के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यहां कुछ सदस्यों ने कहा था कि यदि कांग्रेस नहीं होती तो क्या होता? इसके जवाब में मोदी ने गिनाते हुए कहा कि कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र में परिवारवाद नहीं होता, आपातकाल न लगता, सिखों का नरसंहार नहीं होता, कश्मीरी पंडित नहीं होते।
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम लेते हुए कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि भारत 1947 में ही बना था। उन्हें लगता है कि उन्हीं की वजह से लोकतंत्र है लेकिन उन्हें 1975 याद नहीं है जब देश पर आपातकाल थोप दिया गया था।
परिवारवादी पार्टियों से देश को खतरा
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत के लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा परिवारवादी पार्टियों से है। पार्टी में भी कोई परिवार सर्वोपरि हो जाता है तो सबसे पहली कैजुअलिटी टैलेंट की होती है। अरसे तक देश ने इस सोच का बहुत नुकसान पहुंचाया है। मैं चाहता हूं कि सभी दल अपने दलों में भी लोकतांत्रिक आदर्शों को विकसित करें और सबसे पुरानी पार्टी के रूप में कांग्रेस इसकी जिम्मेदारी ज्यादा उठाए।
‘इंडिया इज इंदिरा, इंदिरा इज इंडिया’ की सोच का परिणाम
पीएम ने कहा, ‘यहां पर कहा गया कि कांग्रेस न होती तो क्या होता। ‘इंडिया इज इंदिरा, इंदिरा इज इंडिया’ की सोच का परिणाम है। महात्मा गांधी की इच्छा थी कि कांग्रेस न रहे। वह जानते थे कि इसका क्या होने वाला है। इसलिए वह कांग्रेस को बिखेर देना चाहते थे। पीएम मोदी ने आरोप लगया कि कांग्रेस ने देश का विकास नहीं होने दिया।
पीएम ने बताया- कांग्रेस न होती तो क्या-क्या न होता
अगर कांग्रेस न होती तो भारत विदेशी के बजाय स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता।
अगर कांग्रेस न होती तो देश पर इमरजेंसी का कलंक नहीं होता।
दशकों तक करप्शन को संस्थागत न बनाकर रखा होता
जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी नहीं होती
अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता
सालों-साल पंजाब आतंक की आग में न जलता
कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत न आती
बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएं न होतीं
सामान्य आदमी को मूलभूत सुविधाओं के लिए इतना इंतजार न करना पड़ता।
कांग्रेस व पंडित नेहरू नहीं होते तो गोवा की आजादी में 15 साल ज्यादा नहीं लगते।
कांग्रेस को नेशन से भी तकलीफ, इसलिए नाम बदल ले
मोदी ने कहा, ‘कांग्रेस को नेशन पर भी आपत्ति है। अगर इसकी यह गैरसंवैधानिक है तो आपकी पार्टी का नाम इंडियन नेशनल क्यों रखा गया। अब आपकी नई सोच आई है तो इसका नाम बदलकर फेडरेशन ऑफ कांग्रेस कर दीजिए। अपने पूर्वजों की गलती सुधार दीजिए।’
मजरूह सुल्तानपुरी को जेल में डाला गया
पीएम ने अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर सरकार के रवैये की आलोचना के जवाब में कहा पं. नेहरू के पीएम कार्यकाल में ख्यात शायर मजरूह सुल्तानपुरी को एक गीत लिखने पर जेल में रखा गया था। इसी तरह उन्होंने प्रो. धर्मपाल को जेल में डालने की घटना का भी जिक्र किया।
दरअसल एक कविता में मजरूह सुल्तानपुरी ने तत्कालीन पीएम पं. नेहरू के खिलाफ टिप्पणी की थी। ये टिप्पणी नेहरू और उनके वफादारों को नागवार गुजरी थी। इसलिए शायर से कहा गया कि वे पं. नेहरू से माफी मांगें, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। मजरूह ने साफ कह दिया कि जो लिख दिया, सो लिख दिया। इसके बाद मजरूह को करीब दो साल के लिए मुंबई की जेल में डाल दिया गया।
100 बार राज्य सरकारें बर्खास्त की गईं
पीएम ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों में राज्यों की 100 सरकारों को बर्खास्त करने व राष्ट्रपति शासन लगाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आंध्र के पूर्व सीएम टी. अंजैया को एक पीएम के बेटे की यात्रा के दौरान एयरपोर्ट पर सही प्रबंध नहीं होने पर ही हटा दिया गया था।