संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को देशव्यापी रेल रोको कार्यक्रम का एलान किया है. 18 अक्तूबर की सुबह 10 से शाम चार बजे के बीच छह घंटे के लिए रेल यातायात बाधित करने का फैसला लिया है.
मोर्चा ने स्पष्ट किया है कि इस दौरान रेल संपत्ति को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा और विरोध पूरी तरह शांतिपूर्ण बनाए रखने की सभी संगठनों से अपील की है. उधर, भारतीय रेल के साथ ही पुलिस-प्रशान ने किसानों के आह्वान को देखते हुए तैयारी की है.
खबर हैं कि पंजाब में किसान संगठनों के ‘रेल रोको आंदोलन’ के आह्वान के बाद अमृतसर के देवी दासपुरा गांव में कृषि कानून के प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठ गए.
किसान संगठनों के रेल रोको आंदोलन पर राकेश टिकैत ने कहा, ‘ये अलग-अलग ज़िलों में अलग-अलग जगह होगा. पूरे देश में वहां के लोगों को पता रहता है कि हमें कहां ट्रेन रोकनी है. भारत सरकार ने अभी हमसे कोई बात नहीं की है.’

लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के मामले में न्याय और केंद्रीय राज्यमंत्री को बर्खास्त करने सहित दूसरी मांगों के समर्थन में किसानों ने सोमवार को रेल रोको कार्यक्रम की घोषणा की है. लखीमपुर खीरी में अपनी जान गंवाने वाले किसानों की अस्थियों के साथ उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब सहित अन्य राज्यों में कलश यात्राएं निकाली जाएंगी. एसकेएम ने विरोध के तहत देश भर के टोल प्लाजा, कॉरपोरेट मॉल और पेट्रोल स्टेशनों पर और भाजपा नेताओं के आवास के बाहर पक्के मोर्चे बनाए गए हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघु बॉर्डर पर हुई घटना पर एक बार फिर कहा है कि इस आंदोलन को समर्थन देने वालों का धन्यवाद, मगर किसी भी असामाजिक गतिवधियों में शामिल किसी व्यक्ति या समूह से उनका ताल्लुक नहीं है. पिछले 10 महीने से अधिक वक्त से कृषि कानूनों से संबंधित मांगों पर डटे किसान अपनी मांगों पर डटे हैं.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, रेल रोको आंदोलन को सफल बनाने के लिए रविवार को किसान संगठनों ने तैयारियों की समीक्षा की. किसान मोर्चा ने कहा कि इस दौरान सड़क मार्ग को बाधित नहीं किया जाएगा. केवल रेल रोकने को लेकर फैसला किया गया है. भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने कहा कि इसके सभी जिलों में कार्यकर्ताओं को तैनात कर दिया गया है.
किसान मोर्चा के नेता बलबीर राजेवाल ने कहा कि पहले से घोषित कार्यक्रम के तहत संयुक्त किसान मोर्चा और उसके सहयोगी घटक 18 अक्टूबर को पूरे भारत में रेल सेवाएं सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक बाधित रखेंगे. यह कार्यक्रम रेल संपत्ति को बिना नुकसान पहुंचाए पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगा. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों को न्याय मिलने तक आंदोलन को और तेज किया जाएगा.