22 अप्रैल को राजस्थान के अलवर में 300 साल पुराने मंदिर पर बुलडोजर चलाए जाने के 5 दिन बाद आज बीजेपी और हिंदूवादी संगठन ने आक्रोश रैली निकाली. रैली को देखते हुए पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है.
आक्रोश रैली शहीद स्मारक से कलेक्ट्रेट तक निकाली गई. यह रैली राजगढ़ में मंदिर, दुकान और मकान तोड़ने और नगर पालिका सभापति के निलंबन के विरोध में निकाली गई. शहीद स्मारक पर पहुंचे सांसद बालकनाथ सैकड़ों साधु-संतों और कार्यकर्ताओं के साथ मन्नी का बड़ होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. यहां बैरिकेडिंग कर कार्यकर्ताओं और साधु-संतों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की, जिसके बाद उन्होंने कलेक्ट्रेट के बाहर हंगामा किया.
सांसद बाबा बालकनाथ ने कहा कि यह मामला शांत नहीं होगा. गहलोत सरकार ने देवी देवताओं का उसी तरह अपमान किया है, जैसे ढाई सौ साल पहले मुगलों ने सनातन धर्म का अपमान किया था. हिंदू समाज उसे भी नहीं भूला है और गहलोत सरकार के इस काम को भी याद रखेगा. गहलोत सरकार ने मुगलिया शासन की याद ताजा की है. सरकार का तख्ता पलट करने तक ये संघर्ष चलेगा.
गौरतलब है कि अलवर में सड़क का रास्ता साफ करने के लिए अलवर में 86 दुकानें व घर बुलडोजर से तोड़े गए थे, इसी में 300 साल पुराना मंदिर भी था. एक दिन पहले ही गहलोत सरकार ने SDM और नगर पालिका के EO समेत चेयरमैन को भी सस्पेंड कर दिया है.
मंदिर ढहाए जाने के मामले में कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राजगढ़ का दौरा किया था. कांग्रेस नेताओं को कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र सिंह ने ऐलान किया था कि उसी जगह मंदिर का फिर से बनवाएंगे और जिन्होंने इस प्राचीन मंदिर को तोड़ा है उनके खिलाफ केस भी दर्ज करवाएंगे.