राजस्थान में करौली के दंगा पीड़ितों से मिलने के लिए निकाली गई भाजपा की न्याय यात्रा करौली पहुंचने से पहले ही रोक दी गई. इसके बाद दौसा-करौली बॉर्डर पर जमकर बवाल हो गया. पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई.
भाजपा नेता नहीं माने तो पुलिस ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया व सांसद मनोज राजोरिया को हिरासत में ले लिया है. भाजपा नेताओं को मेहंदीपुर बालाजी मोड़ (दौसा) पर मंगलम मिड-वे में ले जाकर छोड़ दिया गया.
इससे पहले सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे सूर्या को करौली बॉर्डर पर पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया. करौली जाने के लिए अड़े सूर्या व अन्य नेता बॉर्डर पर ही धरने पर बैठ गए. भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने गहलोत सरकार को चेतावनी दी कि उन्हें अगर जाने नहीं दिया गया तो यहीं पर आंदोलन किया जाएगा. सूर्या ने कहा कि हर कीमत पर करौली जाएंगे। नहीं तो सामूहिक रूप से गिरफ्तारियां देंगे.
हंगामा बढ़ने पर पुलिस ने तेजस्वी सूर्या और सतीश पूनिया सहित अन्य नेता और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. सभी को दौसा जिले के महवा की ओर ले जाया गया है. इसके बाद भाजपा नेताओं को मेहंदीपुर बालाजी मोड़ पर ले जाकर छोड़ दिया गया. मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा. इससे पहले पूनिया एवं सूर्या ने जयपुर के SMS अस्पताल में भर्ती करौली हिंसा के घायलों से मुलाकात की और न्याय रैली के रुप में करौली के लिए प्रस्थान किया था.
हिंसा पीड़ितों से मिलकर तेजस्वी सूर्या ने कहा कि आज हम अशोक गहलोत के जंगल राज को देख रहे हैं. इस जंगल राज के खिलाफ युवा मोर्चा और भाजपा पार्टी लगातार विरोध करती रहेगी. राजस्थान के करौली में जहां सांप्रदायिक हिंसा हुई थी. वहां आज भाजपा न्याय यात्रा निकालना चाहती है.
करौली में क्या हुआ था?
राजस्थान के करौली में डीजे पर बजते गानों और नारेबाजी से भड़के लोगों ने पथराव कर दिया था, जिससे हिंसा हुई थी. जानकारी सामने आई थी कि 2 अप्रैल की शाम 4 बजे कलेक्ट्रेट सर्किल से रैली में शामिल करीब 200 बाइकों पर सवार 400 लोग रवाना हुए थे. रैली के आगे पिकअप में डीजे में गाने बज रहे थे, जबकि प्रशासन ने डीजे व लाउडस्पीकर का इस्तेमाल न करने की शर्त पर ही रैली की अनुमति दी थी.
डीजीपी ने बताया था कि रैली जब अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र से गुजर रही थी तब रैली में शामिल लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी. इसी के बाद आस-पास के मकानों व दुकानों से रैली में शामिल लोगों व पुलिस पर भारी पथराव शुरू हो गया. करीब 100-150 व्यक्तियों ने लाठी व डंडे लेकर हमला कर दिया. आगजनी व तोड़फोड़ से दोनों पक्षों के करीब 80 से अधिक व्यक्तिों की सम्पत्ति को नुकसान हुआ. इस वजह से राजस्थान के कई शहरों में धारा 144 लागू की गई थी.