सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों के इस्तेमाल पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि सभी राज्यों को प्रतिबंधित पटाखों पर लगी पाबंदी को लागू करना होगा. अदालत ने कहा कि ऐसे पटाखे बेचने वालों के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए जा सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि अदालत किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है. लेकिन त्योहार के नाम पर किसी को भी लोगों की जान से खेलने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
अदालत ने कहा कि बाजार में आज भी इस तरह के पटाखे मौजूद हैं. कोर्ट ने कहा कि ग्रीन पटाखों के नाम पर फर्जी स्टिकर लगाकर प्रतिबंधित पटाखे बेचे जा रहे हैं. ऐसे में जिम्मेदार लोगों को पकड़ने के लिए सीबीआई जांच के भी आदेश दिए जा सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा की सभी राज्यों को प्रतिबंधित पटाखों पर लगी पाबंदी को लागू करना होगा.
कोर्ट ने कहा कि 2018 में ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों पर पाबंदी लगा दी थी. इसके बावजूद राज्य सरकारों ने आदेश को ठीक से लागू नहीं किया. अदालत ने पूछा कि जब देश की सर्वोच्च अदालत का आदेश लागू नहीं होता तो दुनिया में क्या संदेश जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि पटाखों पर पूरी तरह पाबंदी नहीं है. यानी लोग ग्रीन पटाखे इस्तेमाल कर सकते हैं.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों के उत्पादन और इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई हुई है. सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को भी इस मामले में सुनवाई जारी रखेगा कि कैसे पाबंदी को पूरी तरह लागू कराया जाए.