तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद डेरेक ओ ब्रायन को मंगलवार को स्पीकर की कुर्सी की तरफ ‘रूल बुक’ फेंकने के बाद शीतकालीन सत्र के बचे हुए हिस्से से राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने 21 दिसंबर को चुनाव कानून (संशोधन विधेयक) 2021 पर चर्चा के दौरान कथित तौर पर रूल बुक को सभापति की ओर फेंक दिया था. इसके मद्देनजर यह कार्रवाई की गई है.
अपने निलंबन पर टीएमसी सांसद ने ट्वीट कर कहा, ”पिछली बार जब मैं राज्यसभा से निलंबित हुआ था तब सरकार किसान कानून थोप रही थी. उसके बाद क्या हुआ हम सब जानते हैं. भाजपा द्वारा संसद का मखौल उड़ाए जाने और चुनावी कानून विधेयक 2021 को थोपने का विरोध करते हुए आज निलंबित कर दिया गया. आशा है कि यह विधेयक भी शीघ्र ही निरस्त कर दिया जाएगा.”
बता दें कि विपक्ष के 12 सांसदों के निलंबन पर गतिरोध जारी है. सरकार कहना है कि बगैर माफी के निलंबन वापस नहीं लिया जाएगा. इस बीच सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि हमने सोचा था कि विपक्ष कुछ सबक सीखेगा, लेकिन वही बात दोहराई गई है. गोयल ने कहा कि डेरेक ओ ब्रायन ने नियम पुस्तिका फेंक दी और उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. गोयल ने 12 निलंबित सांसदों से माफी मांगने की भी बात कही. भारतीय जनता पार्टी के भूपेंद्र यादव ने प्वाइंट आफ आर्डर उठाया और कहा कि विपक्ष बार-बार सभापति पर सवाल उठा रहा है, लेकिन नियम कहते हैं कि सभापति का फैसला सभी पर बाध्यकारी है.
बता दें कि राज्यसभा में मतदाता पहचान पत्र के आधार कार्ड से जोड़ने से संबंधित नर्विाचन विधि (संशोधन) विधयेक 2021 पारित कराने के दौरान कांग्रेस समेत संपूर्ण विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने महासचिव की टेबल पर रुल बुक फेंक दी. सदन के बीच में हंगामे के दौरान ही मार्क्सवादी कम्युनस्टि पार्टी के जॉन ब्रिट्स ने विधेयक में दिये गये संशोधनों को लेकर मत विभाजन की मांग की तो उप सभापति हरिवंश ने कहा कि नियम के तहत सभी सदस्यों को अपने स्थानों पर लौट जाना चाहिए इसके बाद ही उनकी मांग पूरी हो सकती है.
ब्रिटस् ने कहा कि सदन में व्यवस्था बनाना सभापति की जिम्मेदारी है और उन्हें इस विधेयक पर मत विभाजन चाहिए. उनकी इस मांग का समर्थन विपक्ष में सदन के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी किया और कहा कि सभापति को पहले मत विभाजन बोलना चाहिए. इसके बाद सभी सदस्य अपने स्थानों पर लौट जाएगें.
हरिवंश ने कहा कि विपक्षी सदस्य मत विभाजन नहीं चाहते हैं और उन्होंने सदन की कार्यवाही आगे बढ़ा दी. इसका विरोध करते हुए कांग्रेस समेत समस्त विपक्ष सदन की कार्यवाही का बॉयकाट करते हुए सदन से बाहर चला गया. वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सदस्य और ब्रिट्स सदन में रहे और शोरशराबा करते रहे.
डेरेक ओ ब्रायन ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि सदन में सदस्य मत विभाजन की मांग कर रहे और उनकी मांग नहीं सुनी जा रही है. इस पर हरिवंश ने कहा कि उनकी का मांग निवारण हो चुका है और उन्हें बोलने की अनुमति नहीं है, इससे उत्तेजित ब्रायन ने ‘रुल बुक’ महासचिव की टेबल की ओर फेंकी और गुस्से से बाहर चले गये. ब्रायन के इस व्यवहार को लेकर सदन में सिहरन सी दौड़ गयी. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के भूपेंद्र यादव ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए ब्रायन के व्यवहार पर आपत्ति जतायी.