टूलकिट (Toolkit) किसी मुद्दे को समझाने के लिए बनाया गया एक डॉक्यूमेंट होता है, जिसको किसी थ्योरी को प्रैक्टिकल के रूप में समझाने के लिए बनाया जाता है. आसान भाषा में कहें तो किसी भी आंदोलन या कार्यक्रम को शुरू करने और फिर उसका दायरा बढ़ाने के लिए कुछ एक्शन पॉइंट्स तैयार किए जाते हैं. इन एक्शन पॉइंट्स को जिस दस्तावेज में दर्ज किया जाता है, उसे ही टूलकिट (Toolkit) कहते हैं. टूलकिट को उन्हीं लोगों के बीच शेयर किया जाता है, जिनकी मौजूदगी से आंदोलन का असर बढ़ाने में मदद मिल सकती है.
आमतौर पर टूलकिट का प्रयोग सोशल जस्टिस और ह्यूमन राइट्स कैम्पेनर करते हैं। इसके जरिये वो प्रदर्शन का स्थल, प्रदर्शन को लेकर जागरुकता फैलाने और प्रदर्शनकारियों को एकत्रित करने और स्ट्रैटेजी बनाने के लिए करते हैं। जो लोग किसी मुद्दे के बारे में जानना चाहते हैं या उसका हिस्सा बनना चाहते हैं, उन्हें टूलकिट से मदद दी जाती है।
टूलकिट का प्रयोग जर्नलिस्ट, टीचर्स, एकेडमिक्स और बिजनेस हेड्स भी अपने टीम मेंबर्स के लिए करते हैं। इसके जरिये वे लोग टीम के सदस्यों को एकत्रित करने, प्लान बनाने और प्रोजेक्ट के तेजी से एक्जिक्यूशन के लिए करते हैं।
क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए उन्होंने एक ‘टूलकिट’ शेयर किया था। इस टूलकिट को (Toolkit Case) को लेकर दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया। किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी ‘टूलकिट’ को एडिट और शेयर करने के आरोप में क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को बेंगलुरू से गिरफ्तार कर चुकी है।
ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट मामले में दिशा रवि (Disha Ravi) को गिरफ्तार करने के बाद शांतनु और निकिता जैकब की तलाश तेज कर दी है. इसके लिए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की टीम ने मुंबई के अलावा कुछ अन्य शहरों में छापेमारी की है. टूलकिट केस में दिल्ली पुलिस ने सोमवार को दावा किया कि ग्रेटा थनबर्ग ने दिशा रवि के कहने पर ट्विटर से अपना ट्वीट हटा लिया था.
कब चर्चा में आया था टूलकिट
-टूलकिट साल 2011 में ऑक्यूपाइ वॉल स्ट्रीट, ब्लैक लाइव्ज मैटर 2020, हॉन्गकॉन्ग प्रोटेस्ट 2019 में काफी चर्चा में रहा था। इसके साथ ही देश में पिछले साल सीएए के खिलाफ प्रोटेस्ट में भी टूलकिट काफी चर्चा में रहा था।
-एंटी CAA के दौरान वाट्सऐप पर टूलकिट को शेयर किया गया था। इसमें डिजिटल कैंपेन के लिए ट्विटर हैशटैग सुझाने के साथ ही धरनास्थल और प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने पर क्या करें, क्या ना करें आदि के बारे में जानकारी दी गई थी। टूलकिट में प्रदर्शनकारियों के लिए खाना, पानी और दवाई उपलब्ध कराने वाले इच्छुक लोगों के लिए भी गाइडेंस दी गई थी।
-हॉन्गकॉन्ग में साल 2019 में हुए प्रोटेस्ट के दौरान टूलकिट के जरिये ही प्रदर्शनकारियों को मास्क और हेलमेट पहनने की सलाह दी गई थी। इसका उद्देश्य था कि लोग अपनी पहचान छुपा सकें और हेलमेट की मदद से घायल होने से बच सकें। पिछले साल अमेरिका में ब्लैक लाइव्ज मैटर प्रदर्शन के दौरान एक एनजीओ ने आंदोलनकारियों के खिलाफ गलत जानकारी रोकने के लिए टूलकिट का प्रयोग किया था।