बाबा अमरनाथ की यात्रा का पहला जत्था आज जम्मू से रवाना हो गया. भारी संख्या में श्रद्धालु इस बार बाबा अमरनाथ की यात्रा पर पहुंचे हैं. जम्मू के शिविर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यात्रा के पहले जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान पूजा अर्चना भी की गई.
बम-बम भोले’, ‘जय बाबा बर्फानी की’ जैसे कई जयकारों के साथ सैकड़ों उत्साही श्रद्धालु मंगलवार को आतंकी खतरों की आशंका के बावजूद अमरानथ यात्रा के लिए जम्मू के आधार शिविर पहुंचे.
अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2022) कल यानी 30 जून से औपचारिक रूप से शुरू हो रही है. कोरोना महामारी की वजह से दो साल से बंद इस यात्री में इस बार रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्रियों को पहुंचने की उम्मीद है. यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. जम्मू-कश्मीर प्रशासन का अनुमान है कि इसबार आठ लाख से अधिक तीर्थयात्री यात्रा के लिए आ सकते हैं.
इससे पहले यात्रा की सुरक्षा समीक्षा करते हुए एलजी सिन्हा ने कहा कि, केंद्र शासित प्रदेश के लोग आने वाले तीर्थयात्रियों का स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं. सिन्हा ने भगवतीनगर में यात्री निवास आधार शिविर का दौरा किया और तीर्थयात्रा की व्यवस्था की समीक्षा की. सिन्हा ने कहा, ”सुरक्षा बल सतर्क हैं. यात्रा के सुचारू संचालन के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.”
जम्मू में बाबा अमरनाथ यात्रा के आधार शिविर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं. पहला जत्था रवाना होने से पहले सभी सुरक्षाबलों ने आधार शिविर के भीतर सभी गाड़ियों की जांच की. अलग-अलग एजेंसियों ने कड़ी पूछताछ के बाद गाड़ियों को रवाना किया. आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए इस बार अलर्ट जारी किया गया है और सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. जम्मू से लेकर कश्मीर तक श्रद्धालु कड़ी सुरक्षा के बीच यात्रा के लिए पहुंचेंगे.
अमरनाथ यात्रा आगामी 30 जून से दो मार्गों से शुरू होगी. पहला 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक मार्ग जो कि दक्षिण कश्मीर के पहलगाम से शुरू होता है. दूसरा 14 किलोमीटर लंबा मार्ग मध्य कश्मीर के बालटाल से शुरू होता है.
गौरतलब है कि 2019 में यात्रा को अनुच्छेद 370 के कारण बीच में रोक दिया गया था और फिर दो साल कोविड महामारी के कारण यात्रा नहीं हो सकी. यात्रा के लिए अब तक लगभग तीन लाख तीर्थयात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रा के लिए जम्मू शहर में कम से कम पांच हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे. यह यात्रा 30 जून को शुरू होगी और इसका समापन रक्षाबंधन के दिन 11 अगस्त को होगा.