जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार नहीं होंगे। उन्होंने विपक्ष का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने से अपना नाम वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर अभी एक महत्वपूर्ण मोड़ से गुजर रहा है और वह अभी सक्रिय राजनीति में ही रहना चाहते हैं। उन्होंने अपने नाम का प्रस्ताव रखने के लिए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का आभार व्यक्त किया।
पूर्व सीएम ने कहा कि विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति पद के लिए उनका नाम प्रस्तावित किया, इससे मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। बैठक में ममता बनर्जी ने मेरे नाम का प्रस्ताव दिया, इसके बाद कई नेताओं ने मुझे फोन किया और समर्थन देने की बात कही।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि ‘सक्रिय राजनीति में अभी उन्हें बहुत कुछ करना है और वह जम्मू-कश्मीर तथा देश की सेवा में अभी बहुत कुछ करना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए मैं विचारार्थ अपने नाम को पूरे सम्मान के साथ वापस लेना चाहता हूं तथा मैं संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार का समर्थन करूंगा।’
15 जून को दिल्ली में ममता बनर्जी के नेतृत्व में विपक्ष की बैठक हुई थी। बैठक में शरद पवार, फारूक अब्दुल्ला और गोपाल गांधी के नाम पर सहमित बनी थी। शरद पवार ने तो बैठक के बाद ही राष्ट्रपति उम्मीदवार न बनने की बात कही थी। इसके बाद फारूक अब्दुल्ला के नाम पर ज्यादातर विपक्षी दल सहमत नजर आ रहे थे।
ममता की बैठक में कांग्रेस, शिवसेना, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भाकपा-एमएल, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, जनता दल (सेक्युलर), आरएसपी, आईयूएमएल, राष्ट्रीय लोक दल और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता शामिल हुए थे।