कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा अब अपने अंतिम पड़ाव पर है. 30 जनवरी को यह यात्रा जम्मू कश्मीर में समाप्त होगी. शनिवार को राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही भारत जोड़ो यात्रा जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतीपोरा से फिर शुरू हुई. कड़ी सुरक्षा के बीच यह यात्रा जारी है.
एक दिन पहले पार्टी की ओर से सुरक्षा चूक का आरोप लगाने के बाद यात्रा को अनंतनाग जिले में अस्थाई रूप से रोक दिया गया था. कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि केंद्र-शासित प्रदेश में पुलिस की ओर से किए गए सुरक्षा इंतजाम पूरी तरह से नाकाम रहे हैं.
आरोपों पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कहा था कि जितने लोगों की उम्मीद थी, उससे कहीं अधिक भीड़ जुटने की वजह से सुरक्षा संसाधनों पर दबाव बढ़ गया और ऐसा प्रतीत हुआ कि राहुल गांधी की यात्रा के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं.
महबूबा मुफ्ती अपनी बेटी के साथ हुईं शामिल
शनिवार को इस यात्रा में जम्मू कश्मीर के प्रमुख राजनीतिक दल पीडीपी की शीर्ष नेता महबूबा मुफ्ती भी शामिल हुईं. अवंतीपोरा में बेटी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में महबूबा मुफ्ती शामिल हुईं. दोनों कुछ दूर तक राहुल गांधी के साथ पदयात्रा करते नजर आए. पीडीपी के कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में यात्रा में शामिल हुए.
कांग्रेस ने ट्वीट किया कि शनिवार (28 जनवरी) को भारत जोड़ो यात्रा में जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने शिरकत की. उन्होंने कहा कि जुड़ रहा है हिंदुस्तान. लक्ष्य एक है- प्रेम, सद्भाव का पैगाम. महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर लिखा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही भारत जोड़ो यात्रा कश्मीर के लिए ताजा हवा की तरह है. साल 2019 के बाद ऐसी हवा है कि इतने कश्मीरी लोग बाहर निकले हैं.
सुरक्षा को लेकर कांग्रेस ने लगाए थे आरोप
कांग्रेस ने शुक्रवार का सुरक्षा में चूक का आरोप लगाया था. जम्मू-कश्मीर के काजीगुंड में एंट्री के सिर्फ एक किलोमीटर बाद ही यात्रा रोक दी गई. राहुल गांधी के सुरक्षा घेरे में कई लोग घुस आए. इसके बाद पुलिस राहुल गांधी और उमर अब्दुल्ला को अपनी गांड़ी से अनंतनाग ले गई. अनंतनाग में राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, “यात्रा के दौरान पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई. टनल से निकलने के बाद पुलिसकर्मी नहीं दिखे. मेरे सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि हम और नहीं चल सकते. मुझे अपनी यात्रा रोकनी पड़ी. बाकी लोग यात्रा कर रहे थे.”
यात्रा में चूक को लेकर राहुल गांधी ने कहा था कि भीड़ को काबू करना प्रशासन की जिम्मेदारी है, ताकि हम यात्रा कर सकते. मेरी सुरक्षा में लगे लोगों की सलाह को दरकिनार करना मेरे लिए मुश्किल था. वहीं, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि राहुल गांधी की सुरक्षा में चूक परेशान करने वाली है. भारत पहले ही दो PM और कई नेताओं को खो चुका है. हम यात्रियों के लिए बेहतर सुरक्षा की मांग करते हैं.