वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने बजट में बड़ी घोषणा की है. अब पैन कार्ड को नई पहचान दी गई है. अब केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आधार कार्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी. अब पैन कार्ड का इस्तेमाल सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणाली में सामान्य पहचान के तौर पर किया जाएगा.
सरकार के इस फैसले से केवाईसी की प्रक्रिया काफी आसान हो जाएगी। सरकार के इस फैसले के तहत एकीकृत फाइलिंग सिस्टम के लिए अनुमित केवाईसी मानदंड आसान हो जाएगा. अब तक कई जगहों पर केवाईसी कराने के लिए आधार और पैन की जरूरत होती थी. वहीं इस फैसले के बाद पैन कार्ड के जरिए ही केवाईसी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
इस बारे में बात करते हुए निर्मला सीतारमण ने बताया है कि इससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही पैन कार्ड एक 10 अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक नंबर (Alpha Numeric Number) है, जो आयकर विभाग की किसी व्यक्ति, फर्म या संस्था को आवंटित कर सकता है.
देश में आयकर विभाग (Income Tax Department) हर नागरिक के लिए पैन कार्ड जारी करता है. पैन की मदद से आप इनकम टैक्स (Income Tax) का भुगतान कर सकते है. अब पैन कार्ड (PAN Card) को भारतीयों के लिए एक पहचान पत्र के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा.
इन जगहों पर होगा इस्तेमाल
पैन कार्ड कुछ कार्यों के लिए अनिवार्य रूप से आपके पास होना चाहिए. आप इसका उपयोग इनकम टैक्स रिटर्न, म्यूचुअल फंड लेने और लोन (Loan) के आवेदन के लिए करते है. साथ ही इनकम टैक्स रिटर्न, म्यूचुअल फण्ड निवेश, लोन के लेने के लिए पैन कार्ड होना बहुत जरूरी है.
कानूनी प्रावधानों को किया कम
मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि, देश भर में 39,000 से अधिक अनुपालन कम कर दिए गए हैं और 3,400 से अधिक कानूनी प्रावधानों को कम कर दिया गया है. भरोसे पर आधारित शासन को आगे बढ़ाने के लिए हमने 42 केंद्रीय अधिनियमों में संशोधन के लिए जन विश्वास विधेयक पेश किया है.